ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में सबसे आम कैंसर है. ब्रैस्ट कैंसर की घटनाएं ग्रामीण और शहरी दोनों भारत में बढ़ रही हैं. एक अनुमान के मुताबिक साल 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के 178,361 मामले सामने आए थे. साल 1990 से 2016 तक की बात करें तो ब्रेस्ट कैंसर के मामले 39.1% तक बढ़े हैं. हालांकि, अगर इस कैंसर का पहले ही पता चल जाए तो मरीज की जान बच सकती है. अब इसी कड़ी में वैज्ञानिकों ने इसके बारे में पता करने का एक नया मेथड खोजा है. अल्ट्रा ब्लड सेंसिटिव टेस्ट से पहले ही कैंसर का पता लग जाएगा.
जल्दी लग सकेगा ब्रेस्ट कैंसर का पता
अल्ट्रा ब्लड सेंसिटिव टेस्ट की मदद से ब्रेस्ट कैंसर का जल्दी पता लगाया जा सकता है. ब्रिटिश शोधकर्ताओं ने इस अल्ट्रा ब्लड सेंसिटिव टेस्ट की खोज की है. इस नए और एडवांस टेस्ट से कई साल पहले ब्रेस्ट कैंसर का पता चल जाएगा. यह बताएगा कि क्या भविष्य में मरीज को फिर से ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है या नहीं?
क्या है नया ब्लड टेस्ट?
नया टेस्ट ब्लड ट्यूमर के डीएनए के निशान की पहचान करता है. यह डीएनए, जिसे सर्कुलेटिंग ट्यूमर डीएनए (ctDNA) के रूप में जाना जाता है, कैंसर सेल्स जारी करती हैं. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर के दोबारा होने से पहले इन निशानों का पता लगाया जा सकता है. निशानों से ये अनुमान लगाने में आसानी होगी कि क्या दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने वाला है या नहीं? इससे मरीज का ट्रीटमेंट पहले ही किया जा सकता है.
क्या आया ट्रायल में सामने?
लंदन में इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर रिसर्च (ICR) के शोधकर्ताओं ने अलग-अलग तरह के ब्रेस्ट कैंसर वाले 78 रोगियों को टेस्ट किया है. 78 प्रतिभागियों में से, 11 महिलाओं में ctDNA पाया गया है. ये सब वो मरीज थे जिन्हें दोबारा ब्रेस्ट कैंसर हुआ था. वहीं, अध्ययन में शामिल दूसरी महिलाओं में से किसी को भी दोबारा कैंसर नहीं हुआ. बता दें, इस ब्लड टेस्ट से लक्षण दिखने से 15 महीने पहले या स्कैन पर बीमारी दिखाई देने से पहले ही कैंसर का पता लगाया जा सकता है.
ये टेस्ट कैसे काम करता है?
प्रमुख शोधकर्ता डॉ. इसहाक गार्सिया-मुरीलास ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर सेल्स सर्जरी और दूसरे ट्रीटमेंट के बाद भी शरीर में बनी रह सकती हैं. ये सेल्स इतनी कम संख्या में मौजूद हो सकती हैं कि स्कैन में इनका पता नहीं चल पाता है. हालांकि, उपचार के कई साल बाद भी ये सेल्स कैंसर के दोबारा उभरने का कारण बन सकती हैं.
ऐसे में अगर ब्रेस्ट कैंसर का पहले ही पता चल जाए तो ट्रीटमेंट पहले ही शुरू हो सकता है. और मरीज की जान बचाई जा सकती है.