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मांसाहारी जानवरों में शाकाहारी जानवरों की तुलना में कैंसर होने की संभावना ज्यादा, रिसर्च में खुलासा

जंगली जानवरों में कैंसर के खतरे का अनुमान लगाना मुश्किल है, जहां उम्र का शायद ही कभी पता चलता है. एक नए शोध के अनुसार, मांसाहारी जानवरों में शाकाहारी जानवरों की तुलना में कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है.

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हाइलाइट्स
  • मांसाहारी जानवरों में कैंसर से प्रभावित होने की ज्यादा संभावना होती है.

  • जंगली जानवरों में कैंसर के खतरे का अनुमान लगाना मुश्किल.

जानवरों को किस हद तक कैंसर होता है और उनका स्वास्थ्य किस तरह इस बीमारी से प्रभावित होता है, इस बारे में अब तक बहुत कम जानकारी है. यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि जंगली जानवरों में किसी भी गंभीर बीमारी का पता लगाना मुश्किल है. गंभीर रूप से बीमार जंगली जानवर की जंगल में ही भूख या शिकार के कारण मौत हो जाती है. पर दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय के नए शोध के अनुसार, मांसाहारी जानवरों (Carnivores) में शाकाहारी जानवरों (Herbivores) की तुलना में कैंसर होने की संभावना ज्यादा होती है.  

यह रिसर्च 'नेचर जर्नल' में प्रकाशित हुआ है, जिसमें जानवरों में होने वाले कैंसर पर अध्ययन किया गया है. कैंसर एक उम्र से जुड़ी बीमारी है, जहां वृद्ध जानवरों में इस बीमारी के विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है. नतीजतन जंगली जानवरों में कैंसर के खतरे का अनुमान लगाना मुश्किल है, जहां उम्र का शायद ही कभी पता चलता है. ऐसे में यह पता लगाने के लिए कि जानवरों को कितनी बार कैंसर हुआ है, इस शोध में चिड़ियाघर के जानवरों पर ध्यान केंद्रित किया गया. इन जानवरों की सही उम्र आसानी से मालूम की जा सकती है.  

मांसाहारी जानवरों में कैंसर से प्रभावित होने की ज्यादा संभावना

जानवरों की 191 प्रजातियों और 110,148 स्तनधारियों (mammals) के डाटा का इस्तेमाल रिसर्च के लिए किया गया. इस शोध में सामने आया कि कैंसर स्तनधारियों में एक सर्वव्यापी बीमारी है और यह Mammalian Phylogeny के साथ कहीं भी उभर सकता है. शोध में इस बात पर भी नजर डाली गयी कि स्तनधारियों के फाइलोजेनी के साथ कैंसर का जोखिम समान रूप से वितरित नहीं होता है.  मांसाहारी जानवर खासतौर से कैंसर से प्रभावित होने की संभावना रखते हैं. इस रिसर्च में यह पता लगाने की भी कोशिश की कि क्या आहार के अंतर ने कैंसर के जोखिम में देखे गए फ़ाइलोजेनेटिक पैटर्न की व्याख्या की है.  

कैंसर की दवा के निर्माण में हो सकती है मदद 

मांस खाने वाले जानवर, खासतौर पर स्तनधारी शिकार का भोजन करना वास्तव में स्तनधारियों में कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. लेखकों ने तर्क दिया कि मांसाहारी स्तनधारियों में उच्च कैंसर का जोखिम उनकी कम माइक्रोबायोम विविधता, सीमित शारीरिक व्यायाम, ऑन्कोजेनिक वायरल संक्रमण या मांसाहारी स्तनधारियों के अन्य शारीरिक पहलुओं से संबंधित हो सकता है. इस शोध ने इस बात का प्रमाण दिया कि स्तनधारी जीवों में कैंसर का जोखिम बॉडी मास और जीवन प्रत्याशा से काफी हद तक स्वतंत्र है. इसके अलावा. विभिन्न जानवरों की प्रजातियों में कैंसर के जोखिम और प्रतिरोध पर रिसर्च  प्राकृतिक एंटीकैंसर बचाव की तलाश में मदद कर सकती है. साथ ही कैंसर की दवा के निर्माण में क्रांति ला सकती है.