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Chandrayaan-3 Launching Live: लॉन्च हो गया चंद्रयान 3, अंधेरे में डूबे चांद के साउथ पोल पर उतरेगा स्पेसक्राफ्ट

Chandrayaan-3 Launching Countdown: आज दोपहर ढाई बजे चंद्रयान-3 लॉन्च किया जाएगा. आप ISRO के अधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लॉन्चिंग लाइव देख सकते हैं.

Chandrayaan-3 launching live online Chandrayaan-3 launching live online
हाइलाइट्स
  • चंद्रयान-3 मिशन आज दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरने वाला है

  • सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होगा

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का चंद्रयान-3 मिशन आज दोपहर 2:35 बजे उड़ान भरने वाला है. चंद्रयान-3 का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरना है. यह मिशन उन सभी आकांक्षाओं को हासिल करने का उद्देश्य है जो अपने पहले मिशन में इसरो नहीं कर पाया. इस मिशन पर न सिर्फ भारत की बल्कि पूरी दुनिया की आंखें टिकी हुई हैं. यहां देख सकते हैं लाइव लॉन्चिंग:

आज हम आपको बता रहे हैं चंद्रयान-3 से जुड़ी कुछ अहम बातें. 

1. चंद्रयान-3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तीसरी चंद्रमा अन्वेषण (मून एक्सप्लोरेशन) परियोजना है, और यह भारत के श्रीहरिकोटा में स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च होने वाली है. 

2. बताया जा रहा है कि यह मिशन सफलता नहीं बल्कि पहले मिशन के फेलियर से सबक लेकर तैयार किया गया है. 

3. चंद्रयान-3 लूनर इक्वेटर के कुछ डिग्री उत्तर या दक्षिण में उतरने वाले पिछले सभी अंतरिक्ष यान के विपरीत, चंद्र दक्षिणी ध्रुव के करीब निकटता में धीरे-धीरे उतरने वाले पहले मिशन के रूप में एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल करना चाहता है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को इसलिए चुना गया है क्योंकि चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव उत्तरी ध्रुव की तुलना में बहुत बड़ा रहता है. इसके आस-पास स्थायी रूप से छाया वाले क्षेत्रों में पानी की मौजूदगी की संभावना हो सकती है.

4. वैज्ञानिकों के अनुसार, शुक्रवार दोपहर 2.35 बजे उड़ान भरने के लगभग 16 मिनट बाद, प्रोपल्शन मॉड्यूल के रॉकेट से अलग होने की उम्मीद है और चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ते हुए पृथ्वी से निकटतम 170 किमी और सबसे दूर 36,500 किमी एलिप्टिकल साइकिल में लगभग 5-6 बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगा.  

5. लैंडर के साथ प्रोप्लशन मॉड्यूल, स्पीड हासिल करने के बाद चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने के लिए एक महीने से ज्यादा लंबी यात्रा के लिए आगे बढ़ेगा जब तक कि यह चंद्रमा की सतह से 100 किमी ऊपर नहीं चला जाता.

6. इसरो के वैज्ञानिकों ने कहा कि जरूरी स्थिति पर पहुंचने के बाद, लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए उतरना शुरू कर देगा और यह 23 या 24 अगस्त को होने की उम्मीद है.

7. चंद्रयान-2 मिशन में, लैंडर सॉफ्ट लैंडिंग करने के बजाय सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे इसरो का असफल प्रयास हुआ. हालांकि, इस बार वैज्ञानिकों ने अगस्त में लैंडिंग की योजना बनाते समय जीत सुनिश्चित करने के प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ी है.

8. अपने असफल पूर्ववर्ती के विपरीत, चंद्रयान -3 मिशन के बारे में महत्व यह है कि प्रोपल्शन मॉड्यूल में एक पेलोड - SHAPE - स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ HAbitable प्लेनेट अर्थ है जो लूनर ऑर्बिट से पृथ्वी का अध्ययन करेगा. 

9. चंद्रयान-3 में एक लैंडर मॉड्यूल (एलएम), एक प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर होगा. एलएम से सोफ्ट मून लैंडिंग कराने की कोशिश है जबकि जबकि पीएम प्रोप्लशन और कंट्रोल संभालेगा. रोवर की भूमिका चंद्रमा की सतह को एक्सप्लोर करना और वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना होगा. 

10. लैंडर और रोवर को विशेष रूप से सिंगल लूनर डेलाइट पीरियड के लिए काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. यह पृथ्वी के लगभग 14 दिनों के बराबर है. 

प्रज्ञान है रोवर का नाम
प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक विक्रम साराभाई को श्रद्धांजलि देते हुए, चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर का नाम "विक्रम" रखा गया है. चंद्रयान-3 मिशन के साथ जाने वाले रोवर का नाम "प्रज्ञान" है, जो संस्कृत शब्द "ज्ञान" से लिया गया है. चंद्रयान-3 GSLV MK के III या एलवीएम3 रॉकेट का चौथा मिशन है, जो 3,900 किलोग्राम (3.9 टन) वजन वाले चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान को चंद्रमा तक ले जाने के लिए जिम्मेदार होगा.

चंद्रयान-3 का उद्देश्य चंद्रमा की सतह का पता लगाना, वैज्ञानिक प्रयोग करना और चंद्रमा के भूविज्ञान और उसके विकास के बारे में हमारी समझ को बढ़ाने के लिए मूल्यवान डेटा इकट्ठा करना है. आज तक, केवल तीन देशों ने सफलतापूर्वक लूनर लैंडिंग हासिल की है - संयुक्त राज्य अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ और चीन. भारत का लक्ष्य चौथे स्थान पर रहना है.