आज कल मिर्गी का दौरा एक आम समस्या है. आंकड़ों की मानें तो मिर्गी 4 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है. ये बच्चों में सबसे आम मस्तिष्क विकारों में से एक है. हालांकि ज्यादातर लोगों में दौरे को मॉर्डन मेडिसिन से ठीक किया जा सकता है. लेकिन लगभग 20 प्रतिशत रोगियों पर किसी भी तरह की दवा का कोई असर नहीं होता.
ब्रेन में पैच की वजह से आते हैं दौरे
इन मामलों में, इसका कारण क्षतिग्रस्त या असामान्य ब्रेन टिशू के पैच हो सकते हैं जिन्हें "कॉर्टिकल डेवलपमेंट की विकृतियां" (एमसीडी) के रूप में जाना जाता है. यानी कि दिमाग में किसी तरह का पैच होने के कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं. हालांकि सर्जरी से ब्रेन के पैच को हटाकर मिर्गी को ठीक किया जा सकता है.
सर्जरी से किया जा सकता है दौरे का इलाज
न्यूरोलॉजिकल परिणामों में सुधार के लिए मिर्गी की सर्जरी अब एक मॉर्डन ट्रीटमेंट है. हालांकि इस पैच के कारण का अभी तक पता नहीं चला है. नेचर जेनेटिक्स के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन और रेडी चिल्ड्रन इंस्टीट्यूट फॉर जीनोमिक मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने, दुनिया भर में 20 से अधिक बच्चों के अस्पतालों के एक अंतरराष्ट्रीय संघ के साथ सहयोग करते हुए एक शोध किया था.
हरी पत्तेदार सब्जियों में होते हैं मिर्गी के कीटाणु
हालांकि इसके अलावा भी आज तक मिर्गी के दौरे को लेकर कई तरह के शोध किए जा चुके हैं, जिसमें अलग-अलग कारण बताए गए हैं. कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि इसके कीटाणु हरी पत्तेदार सब्जियों खासकर पालक, पत्ता गोभी और फूलगोभी में पाए जाते हैं. इसलिए इन सब्जियों को पूरी तरह पकाकर खाना चाहिए. फास्ट फूड से बचें, क्योंकि इनमें इन सब्जियों को पूरी तरह पकाकर नहीं डाला जाता. इससे इस रोग के होने की आशंका रहती है.
फास्ट फूड में होते हैं जानलेवा टेपवर्म
विशेषज्ञों के अनुसार अधपके फास्ट फूड में जानलेवा क्रीमी टेपवर्म रहता है. जो पेट के जरिए रक्त प्रवाह से मस्तिष्क तक चला जाता है. इसके कारण दिमाग में गाठें पड़ जाती हैं. यह खून की धमनियों को ब्लॉक और मस्तिष्क की नसों को पंक्चर कर देता है. इससे ब्रेन हेमरेज भी हो सकता है.