महाराष्ट्र के कई हिस्सों में देर रात को चमकीली रोशनी की लकीरें देखी गईं. एक अमेरिकी वैज्ञानिक के अनुसार, मेटेओर शावर की तरह दिखाई देने वाली लकीर असल में पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश करने वाले एक चीनी रॉकेट का पार्ट थे. इस रोशनी को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे.
चीनी चांग झेंग 5B रॉकेट शनिवार यानी बीते दिन पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से प्रवेश कर गया. इतना ही नहीं यह महाराष्ट्र के पास आसमान में ही जल गया. हालांकि, इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ, इसे फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था.
फरवरी 2021 में किया गया था लॉन्च
अमेरिकी खगोलशास्त्री जोनाथन मैकडॉवेल ने कहा कि आज 3बी रॉकेट बॉडी के फिर से प्रवेश की उम्मीद थी. मैकडॉवेल ने ट्वीट कर कहा कि यह एक चीनी रॉकेट चरण का पुन: प्रवेश है, चांग झेंग 3 बी सीरियल नंबर Y77 का तीसरा चरण जिसे फरवरी 2021 में लॉन्च किया गया था, इसके अगले एक घंटे में फिर से प्रवेश करने की उम्मीद थी.
इस रॉकेट के मलबे के पृथ्वी पर गिरने को लेकर चिंता बनी हुई है. लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट परिवार चीन की निकट-अवधि की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं का अभिन्न अंग रहा है, जो अपने नियोजित अंतरिक्ष स्टेशन के मॉड्यूल और चालक दल के वितरण से लेकर चंद्रमा और यहां तक कि मंगल पर खोजपूर्ण जांच के प्रक्षेपण तक है.
ये भी पढ़ें: