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Climate Change Report: सावधान! जलवायु परिवर्तन को लेकर सामने आई डरा देने वाली रिपोर्ट, 2050 तक बिहार-यूपी सहित इन नौ राज्यों में बरप सकता है कुदरत का कहर

Climate Change Report: पूरी दुनिया की चिंता बढ़ाने वाली एक रिपोर्ट आई है. ये रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन को लेकर है. एक्सडीआई ने साल 2050 को देखते हुए यह रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के नौ राज्यों में मानव निर्मित ढांचे को जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा खतरा है.

बिहार में आई बाढ़ (फाइल फोटो) बिहार में आई बाढ़ (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
  • क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव ने साल 2050 को देखते हुए तैयार की है रिपोर्ट 

  • रिपोर्ट में दुनिया के 2,600 राज्यों व प्रांतों को किया गया है कवर 

बिहार और उत्तर प्रदेश सहित भारत के नौ राज्यों पर जलवायु परिवर्तन के कारण बड़ा खतरा मंडरा रहा है. ये राज्य एक नई रिपोर्ट में दुनिया के 50 सर्वाधिक जोखिम वाले राज्यों में शुमार हुए हैं. क्रॉस डिपेंडेंसी इनिशिएटिव (एक्सडीआई) ने साल 2050 को देखते हुए एक रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत के नौ राज्यों में मानव निर्मित ढांचे को जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा खतरा है. इसमें दुनिया के 2,600 राज्यों व प्रांतों को कवर किया गया है.

रिपोर्ट में  80 प्रतिशत राज्य भारत, चीन व अमेरिका के हैं. चीन के 27 प्रांतों के बाद सर्वाधिक नौ राज्य भारत से ही हैं, जबकि पांच अमेरिका के, इंडोनेशिया और ब्राजील के तीन-तीन, पाकिस्तान के दो और अफगानिस्तान का एक राज्य है. भारतीय राज्यों में असम, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और केरल भी शामिल हैं.

200 में से 114 जोखिम वाले प्रांत एशिया के हैं
एक्सडीआई की सूची के अनुसार, वर्ष 2050 में 200 में से 114 जोखिम वाले प्रांत एशिया के ही हैं, जिनमें भारत और चीन के राज्य अधिक हैं. एक्सडीआई के घरेलू जलवायु जोखिम डेटा सेट ने इन राज्यों की रैंकिंग तटवर्ती क्षेत्र व मैदानी इलाकों में बाढ़, समुद्र के जल स्तर में बढ़ोतरी, अत्यधिक गर्मी, जंगल की आग, सूखे के कारण मिट्टी का क्षरण, अत्यधिक तेज हवा व बर्फीले तूफान से इमारतों और संपत्ति को नुकसान के माडल अनुमानों के आधार पर की है.

जोखिम वाले टॉप 100 में भारत के 14 राज्य
बिहार - रैंक 22
उत्तर प्रदेश - रैंक 25
असम - रैंक 28
राजस्थान - रैंक  32
तमिलनाडु - रैंक  36
महाराष्ट्र - रैंक  38
गुजरात - रैंक  44
पंजाब - रैंक  48
केरल - रैंक  50
मध्य प्रदेश - रैंक 52
प. बंगाल - रैंक  60
हरियाणा - रैंक  62
कर्नाटक - रैंक  65
आंध्र प्रदेश - रैंक  86
जम्मू कश्मीर - रैंक 04
हिमाचल - रैंक 155
दिल्ली - रैंक 213
उत्तराखंड - रैंक   257 

पाकिस्तान पर भी बड़ा खतरा
इस रिपोर्ट में टाप 100 में पाकिस्तान के कई प्रांत शामिल हैं. विगत वर्ष जून और अगस्त के बीच विनाशकारी बाढ़ ने पाकिस्तान के 30 प्रतिशत क्षेत्र को प्रभावित किया था. सिंध प्रांत में नौ लाख से ज्यादा घरों को आंशिक या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था.

चीन के हालात: सबसे जोखिम वाले 20 राज्यों में से 16 यहीं हैं. यह जियांग्शु, शेडोंग, हेबेई, गुआंगडोंग, हेनान, झेजियांग, अनहुई, हुनान, शंघाई, लिओनिंग, जियांग्शी, हुबेई, तियानजिन, हेइलोंगजियांग, सिचुआन और गुआंग्शी हैं.

अमेरिका की स्थिति: फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया और टेक्सास टॉप 20 में शामिल हैं. टॉप 100 में 18 राज्य शामिल हैं.

सबसे ज्यादा नुकसान एशियाई क्षेत्र को होगा
क्लाइमेट रिस्क समूह का दावा है कि यह पहली बार है, जब दुनिया के हर राज्य, प्रांत और क्षेत्र की तुलना में विशेष रूप से निर्मित पर्यावरण पर केंद्रित भौतिक जलवायु जोखिम विश्लेषण किया गया है. अमेरिका में आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य कैलिफोर्निया, टेक्सास और फ्लोरिडा सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. एक्सडीआई के सीईओ रोहन हम्देन ने बताया कि अगर जलवायु परिवर्तन के कारण चरम मौसमी हालत उत्पन्न हुए तो क्षति के संपूर्ण पैमाने और जोखिम में वृद्धि के लिहाज से सबसे ज्यादा नुकसान एशियाई क्षेत्र को होगा. यदि जलवायु परिवर्तन को बदतर होने से रोका गया और जलवायु के प्रति सतत निवेश में वृद्धि हुई तो इसका सबसे ज्यादा फायदा भी एशियाई देशों को ही होगा.