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India's First: दिल्ली एयरपोर्ट ने हासिल किया नेट जीरो कार्बन एमिशन का दर्जा, ग्रीन एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक... जानें क्या-क्या है खास

दिल्ली एयरपोर्ट को पहली बार 2016 में कार्बन-न्यूट्रल स्टेटस मिला था. 2020 तक, एयरपोर्ट एमिशन को कम करने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रहा था. तभी उसे लेवल 4+ सर्टिफिकेशन भी मिल चुका था.

IGI Airport flight (Representative Image) IGI Airport flight (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • 2016 में मिला कार्बन न्यूट्रल स्टेटस 

  • हासिल किया नेट जीरो कार्बन एमिशन का दर्जा

दिल्ली एयरपोर्ट ने नेट जीरो कार्बन एमिशन (Net Zero Carbon Emission) का दर्जा हासिल कर लिया है. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGIA) भारत का पहला एयरपोर्ट है जिसे नेट जीरो कार्बन एमिशन का दर्जा हासिल हुआ है. 

इस सर्टिफिकेशन को एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (ACI) एयरपोर्ट कार्बन एक्रिडिटेशन (ACA) कार्यक्रम के तहत लेवल 5 के रूप में जाना जाता है.  

नेट जीरो कार्बन एमिशन का क्या मतलब है?
नेट जीरो कार्बन एमिशन का मतलब है कि एक एयरपोर्ट ने अपने द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) की मात्रा को हटाने या कम करने के लिए कदम उठाए हैं. इन कदमों में पेड़ लगाना या नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं (Renewable energy projects) में निवेश करना शामिल है. 

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दिल्ली एयरपोर्ट ने कैसे किया ये दर्जा हासिल
दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा का संचालन करती है. इस जीरो एमिशन वाली उपलब्धि के लिए कई काम किए गए हैं: 

1. DIAL ने अपने स्कोप 1 और 2 CO2 एमिशन को 90% तक सफलतापूर्वक कम कर दिया है. स्कोप 1 एमिशन डायरेक्ट सोर्स का एमिशन होता है. जबकि स्कोप 2 इनडायरेक्ट एमिशन होता है. 

2. हवाई अड्डे को बिजली देने के लिए सोलर सौर हवा जैसे ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया. 

3. एक इकोफ्रेंडली इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया है. 

4. हवाई अड्डे के भीतर इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दिया.

5. यह सुनिश्चित करने के लिए कई पहल लागू की गई कि कोई भी कचरा लैंडफिल में न जाए.

2016 में मिला कार्बन न्यूट्रल स्टेटस 
दिल्ली एयरपोर्ट को पहली बार 2016 में कार्बन-न्यूट्रल स्टेटस मिला था. 2020 तक, एयरपोर्ट एमिशन को कम करने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रहा था. तभी उसे लेवल 4+ सर्टिफिकेशन भी मिल चुका था. 

अब नए अपडेट में एयरपोर्ट को लेवल 5 सर्टिफिकेशन मिला है. पहले एयरपोर्ट ने पहले इसके लिए 2030 का लक्ष्य निर्धारित किया था. लेकिन उससे काफी पहले 2024 में ही दिल्ली एयरपोर्ट ने नेट जीरो कार्बन एमिशन (Net Zero Carbon Emission) का दर्जा हासिल कर लिया है.