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Scientists Capture Plant Sound: क्या आपको पता है सूखने,काटने या फिर उखाड़ने के वक्त कराहते हैं पौधे...क्या आपने कभी सुनी ये आवाज

वैज्ञानिकों ने पौधों के काटे जाने पर उनके कराहने की आवाज को कैप्चर किया है. इसके अलावा पौधे संकट आने पर आसपास के लोगों को इसका संकेत भी देते हैं. ये आवाज एक पॉपिंग साउंड की तरह होती है.

Plants Cry when cut Plants Cry when cut

आपने कई लोगों को कहते हुए सुना होगा कि पेड़ों में भी जान होती है लेकिन शायद इस पर कभी विश्वास न किया हो. लेकिन अब इसका सबूत मिल गया है.अब साइंटिस्ट ने इन पौधों के चीखने या कराहने की आवाज को रिकॉर्ड किया है जोकि ये काटने के समय करते हैं. हालांकि, यह साउंड मनुष्यों द्वारा बनाई गई आवाज के समान नहीं है, बल्कि ये इंसानों की सुनने की सीमा के बाहर अल्ट्रासोनिक फ्रीक्वेंसी में एक पॉपिंग या क्लिकिंग शोर है.ये आवाज तब और अधिक हो जाती है अगर प्लांट्स स्ट्रेस्ड होते हैं. इज़राइल में तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने सेल में प्रकाशित एक अध्ययन में इसकी जानकारी दी. इसमें कहा गया है कि यह उन तरीकों में से एक हो सकता है जिसका उपयोग पौधे अपने संकट को अपने आसपास की दुनिया तक पहुंचाने के लिए करते हैं.

जानवर सुन सकते हैं ये साउंड
"यहां तक ​​​​कि एक शांत क्षेत्र में भी,वास्तव में ऐसी ध्वनियां होती हैं जिन्हें हम नहीं सुनते हैं. लेकिन जानवर ये आवाजें सुन सकते हैं इसलिए संभावना है कि बहुत सारी ध्वनिक बातचीत जानवरों और पौधों के बीच में होती हो." यूनिवर्सिटी के इवोल्यूशनरी बायोलॉजिस्ट लिलाच हेडनी ने साइंस डायरेक्ट को 2023 की इस अहम स्टडी के बारे में बताते हुए ये जानकारी दी.उन्होंने आगे कहा,"पौधे हर समय कीड़ों और अन्य जानवरों के साथ बातचीत करते हैं और इनमें से कई जीव कम्युनिकेशंस के लिए साउंड का उपयोग करते हैं इसलिए पौधों के लिए ध्वनि का बिल्कुल भी उपयोग न करना बहुत अनुकूल नहीं होगा."

अपना रंग और आकार भी बदल सकते हैं
तनाव में पौधे उतने निष्क्रिय नहीं होते जितना आप सोच सकते हैं. वे कुछ बहुत ही नाटकीय परिवर्तनों से गुजरते हैं,जिनमें से सबसे अधिक पता लगाने योग्य है (कम से कम हम मनुष्यों के लिए) कुछ बहुत शक्तिशाली सुगंधों का जारी होना है. इसके अलावा वे अपना रंग और आकार भी बदल सकते हैं.इस परिवर्तन के जरिए ये आस-पास के अन्य पौधों के लिए खतरे का संकेत दे सकते हैं, जो प्रतिक्रिया में अपनी सुरक्षा बढ़ाते हैं या उन कीटों से निपटने के लिए जानवरों को आकर्षित कर सकते हैं जो पौधे को नुकसान पहुंचा सकते हैं.

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क्या पौधे भी आवाज करते हैं?
लेकिन हेडनी और उनकी टीम यह जानना चाहती थी कि क्या पौधे भी साउंड पैदा करते हैं. यह पता लगाने के लिए उन्होंने टमाटर और तम्बाकू के पौधों को तनावग्रस्त और अस्थिर दोनों हालत में रिकॉर्ड किया. संकटग्रस्त की उनकी परिभाषा में वे पौधे शामिल थे जिनके तने कटे या टूटे हुए थे या पौधे उखाड़े जा रहे थे. फिर वैज्ञानिकों ने बिना तनाव वाले पौधों, कटे हुए पौधों और उखड़े हुए पौधों से पैदा ध्वनियों के बीच अंतर करने के लिए एक मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल किया. इस दौरान टीम ने पाया कि मुसीबत के समय पौधे की आवाज इतनी तेज थी कि इंसान समझ नहीं सकता था.लेकिन एक मीटर से अधिक के दायरे में इसका पता लगाया जा सकता था. 

पौधों से निकलने वाली साउंड पॉपिंग या क्लिकिंग ध्वनि जैसी होती हैं,जिनकी आवृत्ति मनुष्यों के लिए बहुत अधिक होती है और उन्हें एक मीटर (3.3 फीट) से अधिक के दायरे में पहचाना जा सकता है. तनावमुक्त पौधे बिल्कुल भी अधिक शोर नहीं करते, वे बस बाहर घूमते रहते हैं और चुपचाप अपना काम करते रहते हैं.इसके विपरीत,तनावग्रस्त पौधे अधिक शोर वाले होते हैं, जो प्रजातियों के आधार पर प्रति घंटे औसतन लगभग 40 क्लिक (पौधों का साउंड) उत्सर्जित करते हैं. वहीं ये पता चला है कि पौधे डिहाइड्रेशन के लक्षण दिखाने से पहले बहुत अधिक क्लिक करना शुरू कर देते हैं.इसके अलावा उन्होंने पाया कि बिना तनाव वाले पौधे बिल्कुल भी ज्यादा शोर नहीं करते हैं.हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि पौधे शोर कैसे करते हैं.