एक बार फिर से विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय वैज्ञानिकों ने विश्व में देश का परचम लहराया है. दरअसल भारत के एक वैज्ञानिक का नाम विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है. शिव नादर स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ हरप्रीत सिंह ग्रेवाल को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की शीर्ष 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की सूची में 3,734वां स्थान मिला है. उनका नाम विश्व के टॉप 2,85,331 वैज्ञानिकों में शामिल था.
पर्यावरणीय क्षरण के समाधान ढूंढने में लगाया अधिकतर समय
डॉ ग्रेवाल एक कुशल शोधकर्ता हैं जिन्होंने अपने शोध करियर का एक बड़ा हिस्सा पर्यावरणीय क्षरण को नियंत्रित करने के लिए स्थायी समाधान विकसित करने की दिशा में समर्पित किया है. विश्वविद्यालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि इनमें विनिर्माण तकनीक, सर्फेस इंजीनियरिंग और एडवांस्ड मैटेरियल्स में एडवांस्ड लेकिन प्रैक्टिकल सॉल्यूशंस शामिल हैं.
फंड फॉर इम्प्रूवमेंट इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी से मिल चुका है अनुदान
उनके सबसे हालिया शोध में नैनोस्ट्रक्चर्ड एल्यूमीनियम सतहों का विकास शामिल है. यह रिसर्च कई अनुप्रयोगों, बायोमेडिकल से एयरोस्पेस, और ऑटोमोबाइल से घरेलू उपकरणों तक के लिए टिकाऊ सतहों को विकसित करने के लिए एक सरल और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण मार्ग का उपयोग करता है और यह आसानी से औद्योगिक स्तर के उत्पादन के लिए स्केलेबल है. उनके इस शोध को भारत सरकार के फंड फॉर इम्प्रूवमेंट इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (FIST) द्वारा अनुदान से सम्मानित किया गया था.
कई पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
सिर्फ एक दशक से अधिक के करियर के साथ, डॉ ग्रेवाल ने 80 से अधिक सहकर्मियों द्वारा रिव्यूव्ड अंतर्राष्ट्रीय जर्नल पेपर, कई राष्ट्रीय / अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन पत्र, पेटेंट, और प्रायोजित परियोजनाओं को डीएसटी-एसईआरबी, एनआरबी और सीएसआईआर से प्रकाशित किया है. उन्हें विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रारंभिक कैरियर अनुसंधान पुरस्कार, कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, कोरिया गणराज्य द्वारा केआईएसटी युवा शोधकर्ता पुरस्कार और कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उन्होंने 2014 में आईआईटी-रोपड़ से अपनी पीएचडी पूरी की, जहां उनकी थीसिस को वर्ष के लिए सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.