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फोटो नहीं, असली स्वाद! नई टेक्नोलॉजी से मोबाइल पर ही मिलेगा खाने का जायका... वैज्ञानिकों ने बनाया ‘e-Taste’ डिवाइस, जानिए कैसे करेगा काम?

अगर आप नींबू पानी का स्वाद लेना चाहते हैं, तो डिवाइस आपकी जीभ पर खट्टे (साइट्रिक एसिड), मीठे (ग्लूकोज) और हल्के नमकीन (सोडियम क्लोराइड) तत्वों को मिलाकर पहुंचाएगा, जिससे आपको बिल्कुल असली नींबू पानी जैसा अनुभव होगा.

e-Taste device virtual taste technology (Representative Image/Unsplash) e-Taste device virtual taste technology (Representative Image/Unsplash)
हाइलाइट्स
  • मोबाइल पर ही मिलेगा खाने का जायका

  • आपके मुंह तक स्वाद पहुंचाने वाला सिस्टम

सोचिए, अगर आपको सिर्फ खाने की तस्वीरें देखने के बजाय उसका स्वाद भी चखने को मिले तो? हां, यह सपना अब सच होने वाला है! वैज्ञानिकों ने एक नया डिवाइस तैयार किया है, जो खाने और पीने की चीजों का स्वाद डिजिटल रूप में ट्रांसफर कर सकता है. यानी अब वर्चुअल दुनिया में भी आप खाने का स्वाद महसूस कर पाएंगे! इस डिवाइस को ‘e-Taste’ नाम दिया गया है.

कैसे काम करता है 'e-Taste'?
इस डिवाइस को वैज्ञानिकों ने 'ई-टेस्ट' (e-Taste) नाम दिया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह वर्चुअल और ऑगमेंटेड रियलिटी को और भी ज्यादा रियल और दिलचस्प बना सकता है. इसका उपयोग इमर्सिव गेमिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, रिमोट एजुकेशन, वजन नियंत्रण, फिजिकल रिहैबिलिटेशन और दूसरी साइंटिफिक रिसर्च के लिए भी किया जा सकता है.

आसान भाषा में समझें, तो वैज्ञानिकों ने इस डिवाइस को दो मुख्य हिस्सों में बांटा है-

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1. इलेक्ट्रॉनिक टंग (Electronic Tongue)- डिजिटल जीभ
यह एक खास सेंसर प्लेटफॉर्म है, जिसे वैज्ञानिकों ने "इलेक्ट्रॉनिक टंग" यानी डिजिटल जीभ नाम दिया है. जब किसी खाने या पीने की चीज को इसमें डाला जाता है, तो यह उसमें मौजूद पांच अलग-अलग स्वादों का विश्लेषण करता है.
इन पांच स्वाद में- 

  • मीठा (Sweet)- ग्लूकोज की मौजूदगी से पहचाना जाता है.
  • खट्टा (Sour)- साइट्रिक एसिड (जैसे नींबू) से आता है.
  • नमकीन (Salty)- सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक) से बनता है.
  • कड़वा (Bitter)- मैग्नीशियम क्लोराइड जैसे तत्वों से आता है.
  • उमामी (Umami)- ग्लूटामेट की उपस्थिति से महसूस होता है, जो प्रोटीन से भरपूर खाने (जैसे सोया सॉस, मटन) में पाया जाता है.

यह इलेक्ट्रॉनिक टंग इन स्वादों की पहचान करके उनके केमिकल डेटा को वायरलेस तरीके से एक रिसीवर डिवाइस को भेजती है.

2. रिसीवर डिवाइस- आपके मुंह तक स्वाद पहुंचाने वाला सिस्टम
इस रिसीवर डिवाइस में छोटे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पंप लगे होते हैं, जो इन पांच स्वादों को खास केमिकल लिक्विड के रूप में एक जैल पर छोड़ते हैं. यह जैल खाने के अलग-अलग स्वादों की नकल करता है. जब यह केमिकल लिक्विड रिसीवर के आउटलेट से आपके मुंह तक पहुंचता है, तो आप खाने का स्वाद महसूस कर पाते हैं.

यानी अगर आप नींबू पानी का स्वाद लेना चाहते हैं, तो डिवाइस आपकी जीभ पर खट्टे (साइट्रिक एसिड), मीठे (ग्लूकोज) और हल्के नमकीन (सोडियम क्लोराइड) तत्वों को मिलाकर पहुंचाएगा, जिससे आपको बिल्कुल असली नींबू पानी जैसा अनुभव होगा.

क्या यह वाकई काम करता है?
साइंस एडवांस जर्नल के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस डिवाइस की प्रभावशीलता जांचने के लिए कुछ प्रयोग किए. इसके लिए 10 लोगों को अलग-अलग खट्टे स्वाद वाले लिक्विड पदार्थ दिए गए, जिसमें उन्होंने 70% सटीकता के साथ स्वाद को पहचान लिया. 6 लोगों को अलग-अलग खाद्य पदार्थों (जैसे नींबू पानी, केक, तला हुआ अंडा, कॉफी और मछली का सूप) के स्वाद से मेल खाने वाले मिश्रण चखाए गए. उन्होंने 87% सटीकता के साथ सही पहचान की.

वैज्ञानिकों ने माना कि फिलहाल इस डिवाइस से मसालेदार और चिकनाई (fatty) जैसे टेस्ट को दोहराना मुमकिन नहीं है. इसका कारण यह है कि मसालेदार स्वाद वास्तव में एक "स्वाद" नहीं, बल्कि एक Sensation है, जो जीभ पर महसूस होती है.