अल्जाइमर (Alzheimer) बीमारी सबसे खतरनाक न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर में से एक है. ये वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों को प्रभावित करती है. हालांकि, बड़ी-बड़ी रिसर्च के बावजूद, इसका कोई निश्चित इलाज अभी तक नहीं खोजा जा सका है. लेकिन, इंस्टीट्यूट फॉर बायोइंजीनियरिंग ऑफ कैटेलोनिया (IBEC) और बार्सिलोना यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक नए बायोमार्कर की खोज की है. इससे बीमारी का जल्दी पता लगाया जा सकेगा.
miR-519a-3p की खोज
शोधकर्ताओं ने अल्जाइमर रोग के शुरुआती संकेत के रूप में MicroRNAs के एक मॉलिक्यूल की पहचान की है, जिसे miR-519a-3p के नाम से जाना जाता है. MicroRNAs छोटे नॉन-कोडिंग RNA मॉलिक्यूल हैं जो सेल्स के भीतर प्रोटीन उत्पादन को रेगुलेट करने में शामिल होते हैं. ये शरीर में मौजूद फ्लूइड में स्टेबिलिटी का पता लगा सकते हैं.
आईबीईसी के न्यूरोसाइंटिस्ट जोस एंटोनियो डेल रियो बताते हैं, 'वर्तमान में, अल्जाइमर बीमारी के टेस्ट आमतौर पर लक्षणों की शुरुआत के बाद किए जाते हैं. लेकिन इससे पहले ही मरीज को काफी नुकसान हो चुका होता है. ऐसे में हमारा मानना है कि इस MicroRNAs का पता लगाने से बीमारी के शुरुआती चरणों में मिलने वाले संकेतों का पता लग सकता है. '
MicroRNAs की क्या भूमिका है शरीर में
miR-519a-3p जैसे MicroRNAs सेल्स को प्रोटीन उत्पादन के रेगुलेशन में मदद करते हैं. अल्जाइमर में miR-519a-3p को सेलुलर प्रियन प्रोटीन (PrPC) के उत्पादन से जोड़ा गया है. अल्जाइमर के शुरुआती चरण में यह प्रोटीन काफी मात्रा में होता है लेकिन बीमारी बढ़ने पर यह कम हो जाता है. शोधकर्ताओं ने इसके लिए मृत अल्जाइमर रोगियों के दिमाग के टिश्यू का सैंपल किया है. इसमें उन्हें पता चला है कि miR-519a-3p PrPC के कम उत्पादन से जुड़ा हुआ है.
डेल रियो के अनुसार, उनके शोध से पता चलता है कि miR-519a-3p PrPC के उत्पादन को कम करने में मदद करता है, जो अल्जाइमर के लिए शुरुआती संकेत के रूप में काम कर सकता है.
जल्द ट्रीटमेंट हो सकेगा
MiR-519a-3p जैसे बायोमार्कर की मदद से अल्जाइमर का जल्दी पता लग सकेगा. साथ ही इससे ट्रीटमेंट के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है. रोग को कम करने वाले उपचारों को पहले ही किया जा सकता है, जिससे संभावित रूप से ये बीमारी कम तेजी से फैलेगी और रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा.