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Earth gets new moon: पृथ्वी को मिला नया 'चांद,' 1500 साल तक लगाएगा हमारे ग्रह के चक्कर

हम सब पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह चंद्रमा के बारे में जानते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि पृथ्वी का एक और 'चंद्रमा' है?

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पृथ्वी को एक और चांद मिल गया है. दरअसल, एक नए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है. यह चन्द्रमा अर्धचन्द्रमा है. एक अर्ध-चंद्रमा एक स्पेस रॉक (क्षुद्रग्रह) है जो पृथ्वी और सूर्य दोनों की परिक्रमा करता है लेकिन यह सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है. सीधे शब्दों में कहें तो सूर्य क्षुद्रग्रह को अपनी ओर खींचता है. 

2100 सालों से है मौजूद 
एस्ट्रोनॉमर्स ने हवाई में पैन-स्टारआरएस टेलीस्कोप की मदद से 2023 एफडब्ल्यू13 नाम के अर्ध-चंद्रमा की खोज की है. उनके अनुसार यह 2100 वर्षों (100 ईसा पूर्व) तक पृथ्वी के चारों ओर मौजूद था और अब इसकी पहचान की जा चुकी है. यह अगले 1500 वर्षों तक यानी 3700 ईस्वी तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. इसके बाद यह पृथ्वी की कक्षा को छोड़ देगा. इससे धरती को कोई खतरा नहीं होगा.

2023 FW13 सूर्य के चारों ओर उतने ही समय में घूमता है जितना समय पृथ्वी लेती है यानी 365 दिन. साथ ही यह पृथ्वी की परिक्रमा भी करता है.

क्यों 2023 FW13 अर्ध-चंद्रमा है
अर्ध-चंद्रमाओं को अर्ध-उपग्रह भी कहा जाता है. इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे ये चंद्रमा की तरह ही पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हों, लेकिन वे पृथ्वी के बजाय सूर्य के गुरुत्वाकर्षण से बंधे हैं. इसलिए उन्हें क्वासी या अर्ध कहा जाता है, जबकि चंद्रमा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बंधा है.

यह हमारे चंद्रमा से कैसे भिन्न है?
नया चंद्रमा - 2023 FW13 पृथ्वी के 'पहाड़ी क्षेत्र' के बाहर परिक्रमा करता है. 'पहाड़ी क्षेत्र' किसी भी ग्रह का ऐसा भाग होता है, जहां ग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे अधिक होता है। इस बल के कारण ही उपग्रह ग्रह की ओर खिंचे चले आते हैं. पृथ्वी के 'पहाड़ी क्षेत्र' की त्रिज्या (रेडियस) 1.5 मिलियन किलोमीटर है, जबकि 2023 FW13 की त्रिज्या इससे बड़ी है, यानी 1.6 मिलियन किलोमीटर. वहीं, हमारे चंद्रमा के 'पहाड़ी क्षेत्र' की त्रिज्या केवल 60 हजार किलोमीटर है.