इटली में शार्क (Shark) की एक प्रजाति ने बिना फर्टिलाइजेशन के बच्चे का जन्म दिया है. ये 'वर्जिन बर्थ' का पहला मामला है. यानि की बेबी शार्क के पैदा होने में किसी भी नर शार्क के स्पर्म का इस्तेमाल नहीं हुआ है.
Experimental Zooprophylactic Institute of Piedmont, Liguria के रिसर्चर्स ने पाया कि दो फीमेल शार्क को 2020 से ऑब्जर्वेशन में रखा गया था, इनमें से एक शार्क को एग फर्टिलाइज करने के लिए किसी मेल स्पर्म की जरूरत नहीं पड़ी.
अध्ययन के अनुसार, ये शार्क ऐसी जगह पाई जाती हैं, जहां पानी ज्यादा गहरा नहीं होता. ये संभावित रूप से 25 साल तक जीवित रह सकती हैं, हालांकि इसे लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. अनुमान है कि अगले कई दशकों में इसकी आबादी आधे से भी कम हो सकती है.
शोधकर्ताओं ने पाया कि इन शार्क में पार्थेनोजेनेसिस हर साल हो सकता है. पार्थेनोगेनेसिस एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें फर्टिलाइजेशन की जरूरत नहीं पड़ती. भ्रूण का विकास सीधे अंडे से होता है. आसान शब्दों में कहें तो बिना स्पर्म के गर्भाशय में भ्रूण बनता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि 15,000 से अधिक प्रजातियों में पार्थेनोजेनेसिस के जरिए संतान पैदा होती है, फिर भी इसे पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है. पार्थेनोजेनेसिस अभी तक स्तनधारियों में नहीं देखा गया है.
रेप्टाइल, स्केट्स और शार्क की कुछ प्रजातियां आसपास की परिस्थितियों के अनुसार अपनी अनुकूली रणनीति (adaptive strategy) में बदलाव करती हैं. Pivotal फैक्टर (पुरुष जनसंख्या) में कमी पार्थेनोजेनेसिस की एक बड़ी वजह हो सकती है. बता दें, 18 साल की ये दोनों शार्क 2010 से सार्डिनिया के कैला गोनोन एक्वेरियम में हैं.