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इंसानों और चिंपैंजी की तरह तस्वीरों और छवियों में खुद को पहचान लेती हैं मछलियां, एक्सपेरिमेंट में खुद को देखते ही हो गई थीं कम आक्रमक 

इंसानों और चिंपैंजी की तरह मछलियां भी खुद को तस्वीरों और छवियों में पहचान लेती हैं. एक नई स्टडी में सामने आया है कि वे खुद को देखते ही कम आक्रमक हो जाती है.

छवियों में खुद को पहचान लेती हैं मछलियां (प्रतीकात्मक तस्वीर) छवियों में खुद को पहचान लेती हैं मछलियां (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • खुद को पहचान पा रही थीं मछलियां 

  • नई स्टडी में आया सामने 

इंसानों को अक्सर सेल्फी लेते देखा जाता है. कुछ लोग फोटोजैनिक होते हैं और कुछ नहीं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि मछली भी खुद को तस्वीरों में पहचान लेती है. हो सकता है कि मछलियां इतनी फोटो-सेवी न हों कि वे तैरते समय सेल्फी खींच लें, लेकिन नए शोध से पता चलता है कि उनमें से कुछ कम से कम तस्वीरों और शीशे में खुद को पहचान सकती हैं. 

नई स्टडी में आया सामने 

प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, इसके लिए मछली (लैब्राइड्स डिमिडियाटस) का टेस्ट किया गया. इसके परिणाम बताते हैं कि मछली में आत्म-जागरूकता हो सकती है जो पहले मनुष्यों और जानवरों जैसे कि चिंपांजी तक ही सीमित थी.

इस शोध में जापान की ओसाका सिटी यूनिवर्सिटी और स्विटजरलैंड की न्यूचैटेल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक शामिल थे. उन्होंने छोटी मछलियों को एक आईने में उनकी अपनी छवियों के सामने लाया, फिर मछली को यह देखने के लिए चिह्नित किया कि क्या वे वे उसे पहचान पा रही हैं या नहीं. इस दौरान यह भी देखा गया कि क्या वह अपनी छवि पहचानकर उसे छूने की कोशिश करेंगी या नहीं. 

खुद को पहचान पा रही थीं मछलियां 

जिन मछलियों ने इस मिरर टेस्ट को पास नहीं किया था, वे अक्सर अपनी और अजनबियों की तस्वीरों पर हमला करती थीं. हालांकि, साफ-सुथरी मछलियां जिन्होंने मिरर टेस्ट पास किया था, वे तस्वीरों में दूसरी साफ-सुथरी मछलियों से अपने चेहरे को अलग करने में सक्षम थीं. इतना ही नहीं बल्कि प्रतिक्रिया में उनकी आक्रामकता में गिरावट नजर आई. वे तस्वीरों में अपरिचित मछलियों के प्रति आक्रामक थीं, जबकि अपनी छवि के सामने नहीं. 

चिंपैंजी में भी है ये क्षमता 

वैज्ञानिकों ने इस स्टडी को लेकर लिखा, "मनुष्य स्वयं के चेहरे की मानसिक छवि रखने में भी सक्षम है. ऐसा कुछ कुछ चिंपैंजी में भी देखा जाता है. इसके अलावा, बड़े वानरों, एशियाई हाथियों, डॉल्फिन, घोड़ों और मैग्पीज में भी ऐसा देखा गया है. लेकिन मछलियों में ये नया है. साइंस न्यूज के अनुसार, वैज्ञानिक स्वच्छ मछली और ऐसी ही अन्य प्रजातियों पर ये एक्सपेरिमेंट करने वाली हैं.