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Sunita Williams returns: जानिए कैसे स्पेस स्टेशन में सुनीता ने बिताए नौ महीने... क्या किया और क्या खाया

पृथ्वी से 254 मील (409 किमी) ऊपर स्थित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) लगभग 25 सालों से दुनिया भर के अंतरिक्ष यात्रियों की मेजबानी कर रहा है.

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नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स स्पेसएक्स कैप्सूल में सवार होकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर लौट आए. इस वापसी का दुनिया को नौ महीने से इंतजार था. पृथ्वी से 254 मील (409 किमी) ऊपर स्थित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) लगभग 25 सालों से दुनिया भर के अंतरिक्ष यात्रियों की मेजबानी कर रहा है. अमेरिका और रूस मुख्य रूप से इस रिसर्च लैब को मैनेज करते हैं और यह लैब वैज्ञानिक सहयोग के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता है.

विल्मोर और विलियम्स दोनों नेवी टेस्ट पायलट हैं जो बाद में NASA में शामिल हो गए. दोनों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष से इंटरनेट कॉल के माध्यम से अपने परिवारों  से जुड़े रहे. 

अंतरिक्ष में महीनों तक रहने से शारीरिक चुनौतियां आती हैं. जैसे आपकी मांसपेशियों और हड्डियों को नुकसान होता है. फ्लूइड में बदलाव के कारण गुर्दे की पथरी और आंखों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. साथ ही, ग्रेविटी पर वापस लौटने पर फिर से बॉडी बैलेंस बनाने में समय लगता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखकर ही नासा के एस्ट्रोनॉट्स को मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. 

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सुनीता और बुच के लिए आगे की चुनौतियां
गुरुत्वाकर्षण की कमी के कारण हड्डियों का घनत्व काफी कम हो जाता है और अक्सर इसकी भरपाई नहीं हो पाती. नासा के अनुसार, अंतरिक्ष में हर महीने, अगर अंतरिक्ष यात्री इस नुकसान से बचने के लिए सावधानी नहीं बरतते हैं, तो उनकी वजन सहन करने वाली हड्डियों को घनत्व लगभग एक प्रतिशत कम हो जाता है. 

मांसपेशियां आमतौर पर पृथ्वी पर घूमने से एक्टिव रहती हैं लेकिन स्पेस में रहने से कमज़ोर हो जाती हैं क्योंकि स्पेस में उन्हें ज्यादा मेहनत करने की ज़रूरत नहीं होती. अंतरिक्ष में समय बिताने का सबसे खतरनाक प्रभाव यूवी किरणों से जोखिम है. पृथ्वी का वायुमंडल और चुंबकीय क्षेत्र मनुष्यों को उच्च स्तर के विकिरण से बचाता है, लेकिन अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ऐसी सुरक्षा उपलब्ध नहीं है.

नौ महीने कैसे रहे स्पेस में 
पिछले साल 18 नवंबर को, द न्यूयॉर्क पोस्ट ने बताया कि नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पिज्जा, रोस्ट चिकन और झींगा कॉकटेल खा रहे थे. साथ ही, उन्हें ताजा चीजें सिर्फ उतनी ही मिल पा रही थीं जो उनकी पौष्टिक डाइट के लिए जरूरी थीं. 

अंतरिक्ष यात्रियों को पाउडर दूध, पिज्जा, रोस्ट चिकन, झींगा कॉकटेल और टूना के साथ सीरीयल्स आदि मिल रहे थे. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शुरू में ताजे फल और सब्जियां उपलब्ध थीं, लेकिन तीन महीने के भीतर ही खत्म हो गईं. और उनके फल और सब्जियां पैक या फ़्रीज़-ड्राई हो जाती हैं. नासा के चिकित्सकों ने लगातार उनके कैलोरी सेवन पर अपनी नजर रखी. 

सुनीता और बुच के लिए धरती से मीट और अंडे पहले से पकाकर भेजे जाते थे और उन्हें सिर्फ गर्म करना होता था. सूप, स्टू और कैसरोल जैसे डीहाइड्रेटेड फूड प्रोडक्टस को ISS के 530-गैलन ताजे पानी के टैंक से पानी का उपयोग करके फिर से हाइड्रेट किया जाता था. स्टेशन अंतरिक्ष यात्रियों के यूरीन और पसीने को भी इस्तेमाल के लिए ताजे पानी में रिसाइकिल करता है. 

विशेषज्ञ ने स्पष्ट किया कि अंतरिक्ष यात्रियों के वजन में कोई भी कमी ISS पर भोजन की कमी के कारण नहीं थी. ISS पर हर दिन प्रत्येक अंतरिक्ष यात्री के लिए लगभग 3.8 पाउंड भोजन उपलब्ध रहता है, साथ ही मिशन अगर किसी कारण से बढ़ जाए तो उसके लिए भी एक्स्ट्रा सप्लाई उपलब्ध रहती है.

नौ महीने तक अंतरिक्ष में क्या किया?
बड़े, फुटबॉल मैदान के आकार के स्टेशन को मेंटेन रखने और साफ करने से लेकर पुराने हार्डवेयर को बदलने तक, सुनीता और बुच ने ISS को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. अपनी टीम के साथ, उन्होंने कई वैज्ञानिक प्रयोग भी किए और चल रही रिसर्च में महत्वपूर्ण योगदान दिया. NASA के अनुसार, विलियम्स और उनकी टीम ने वैज्ञानिक शोध में 900 घंटे का प्रभावशाली समय बिताया. 

अपने विस्तारित मिशन के दौरान, उन्होंने 150 से अधिक प्रयोग किए. विलियम्स ने एक नया बेंचमार्क भी स्थापित किया क्योंकि वह अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली महिला बन गईं. ISS पर उनके समय का एक मुख्य आकर्षण स्टेशन के बाहर 62 घंटे और 9 मिनट के रिकॉर्ड-सेटिंग स्पेसवॉक थे.