
बीजिंग में अप्रैल में एक अनोखी दौड़ होने वाली है. इसमें रोबोट्स मैराथन में दौड़ने वाले हैं. 20 अलग-अलग टेक कंपनियों के दर्जनों बाइपेडल रोबोट्स (दो पैरों पर चलने वाले रोबोट्स) अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने वाले हैं. इस मैराथन में 12,000 इंसानों के साथ 21 किलोमीटर लंबी दौड़ में कई रोबोट भाग लेंगे. हालांकि, इससे पहले रोबोट्स इंसानों के साथ दौड़ चुके हैं, लेकिन केवल आधी दौड़ में. ऐसा पहली बार है जब इन ह्यूमनॉइड रोबोट्स को पूरी दौड़ में प्रतिस्पर्धा करते हुए देखा जाएगा.
रोबोट्स के लिए सख्त नियम हैं
इस अनूठी प्रतियोगिता में शामिल होने वाले रोबोट्स के लिए कुछ खास नियम और मानदंड तय किए गए हैं-
-ह्यूमनॉइड डिजाइन: भाग लेने वाले सभी रोबोट्स को इंसानों की तरह दिखना चाहिए.
-बाइपेडल चलने या दौड़ने की क्षमता: पहियों वाले रोबोट्स को दौड़ में भाग लेने की अनुमति नहीं है.
-आकार: रोबोट की ऊंचाई 0.5 से 2 मीटर के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा, रोबोट के कूल्हे के जोड़ से पैर के तलवे तक की अधिकतम दूरी कम से कम 0.45 मीटर होनी चाहिए.
रोबोट्स को दूर से कंट्रोल किया जा सकता है या वे पूरी तरह ऑटोमैटिक हो सकते हैं. अगर जरूरत हो, तो दौड़ के दौरान उनकी बैटरियां भी बदली जा सकती हैं.
प्रमुख प्रतिभागी कौन होंगे?
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले रोबोट्स में सबसे ज्यादा चर्चा "तियांगोंग" नामक रोबोट की है. यह रोबोट चीन के "एंबॉडीड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रोबोटिक्स इनोवेशन सेंटर" ने बनाया है. तियांगोंग 10 किमी/घंटे की एवरेज स्पीड से दौड़ सकता है.
पिछले साल, तियांगोंग ने बीजिंग में आयोजित यिजुआंग हाफ मैराथन में इंसानों के साथ दौड़कर सुर्खियां बटोरी थीं. हालांकि, इस बार यह पहली बार होगा जब यह रोबोट पूरी दौड़ में भाग लेगा.
एक अन्य प्रमुख प्रतिभागी "टियन कुंग" नामक रोबोट है. यह दो पैरों पर चलने वाला ग्रे रंग का रोबोट है. 6 किमी/घंटे की स्पीड से ये भागता है. हालांकि, दौड़ में तियांगोंग इसे पीछे छोड़ सकता है.
चीन की तकनीकी महत्वाकांक्षाएं
यह आयोजन ऐसे समय में हो रहा है जब चीन लगातार ह्यूमनॉइड रोबोट्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर काम कर रहा है. चीन ने ह्यूमनॉइड रोबोट्स को अपनी प्राइमरी टेक्नोलॉजी स्ट्रेटेजी में शामिल किया है. बीजिंग के दासिंग जिले में स्थित ई-टाउन में इन रोबोट्स को बनाया जा रहा है.
इस दौड़ के माध्यम से न केवल ह्यूमनॉइड रोबोट्स की क्षमता को टेस्ट किया जा सकेगा, बल्कि इसमें यह भी देखा जाएगा कि टेक्नोलॉजी इंसानों के कितने करीब आ सकती है. दौड़ में शामिल इंसान और रोबोट की तुलना से यह समझने में मदद मिलेगी कि रोबोटिक टेक्नोलॉजी फिलहाल कितनी आगे बढ़ चुकी है और भविष्य में ये इंसानों के जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती है.