क्या इंसान हमेशा जिंदा रह सकता है... ये सवाल आज भी अपने आप में उलझा हुआ है. धार्मिक किताबों में कुछ ऐसे महापुरुष हैं जिन्हें अमरता हासिल हुई है. वहीं आज के समय में अमरता नामुमकिन है. लेकिन क्या हो अगर आपसे ये कहा जाए कि आप धरती पर अब अमर हो गए हैं... ऐसा हम नहीं वैज्ञानिकों का कहना है. दरअसल वैज्ञानिकों ने एक नई रिसर्च की है और इस बात का यकीन दिलाया है कि भविष्य में इंसानों को अमर बनाया जा सकता है. अगर सब कुछ सही रहा तो इंसानों की लगातार बढ़ती उम्र पर ब्रेक लगाना मुमकिन होगा. यानी आने वाले समय में इंसान हमेशा जवान रहेगा और कभी बुढ़ा नहीं होगा. बता दें कि इस रिसर्च को अमर जीवन के रहस्य की तरफ एक बड़ा कदम माना जा रहा है.
जेलिफिश की प्रजाति में उम्र को रोकने की क्षमता
इस रिसर्च को स्पेन में ओविएडो यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ बॉयोकेमेस्ट्री एंड मॉलीक्यूलर बॉयोलाजी की एक टीम कर रही है. बता दें कि ये रिसर्च टीम धरती पर मौजूद अमरता हासिल कर चुके जीवों में से एक का अध्ययन कर रही है. इस जीव का नाम जेलिफिश है, जिसका साइंटिफिक नाम ट्यूरिटोप्सिस दोहरनी (Turritopsis Dohrnii) है. इस फिश में वयस्क जीवन से दोबारा लार्वा स्टेज में वापस जाने की क्षमता है. वहीं कोई खतरानाक बीमारी होने से या दूसरे जीव के खाने से जेलीफिश मर भी सकती है.
जब तक चाहे, तब तक जीवित रह सकता है जेलिफिश
प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित इस रिसर्च को कंपेरेटिव जीनोमिक्स ऑफ मॉर्टल एंड इम्मोर्टल निडेरियन्स अनवील्स नोवेल कीज बिहाइंड रिजुवेनेशन कहा गया है. ये जानना भी दिलचस्प है कि यह जेलीफिश की एकमात्र ऐसी प्रजाति है जो अमर है. यह जीव उम्र बढ़ने को उलट सकती है. ये फिश तब तक जिंदा रह सकती है जब तक ये चाहे.
जेलिफिश के डीएनएन की इंसानों से समानता
रिसर्चर ने ये बताया कि ट्यूरिटोप्सिस डोहरनी एक तरह की जेली फिश एकमात्र ऐसी मेटाज़ोन है जो अपने आप को फिर से बच्चा बना सकता है. और यह जितनी बार चाहे ऐसा कर सकती है. रिसर्चर ने कहा कि हमने रेप्लिकेशन, डीएनए रिपेयर, टेलोमेयर मेंटीनेंस, रेडॉक्स इंवायरमेंट, स्टेम सेल पापुलेशन और इंटरसेल्यूलर कम्यूनिकेशन का पता लगाया है. ये डीएनए मनुष्यों के कुछ डीएनए से मिलते हैं. ऐसे में दशकों बाद इनका इस्तेमाल मनुष्यों की बढ़ रही उम्र को पलटने में किया जा सकेगा.