
आमतौर पर हम देखते हैं कि जब भी किसी व्यक्ति का बाजू या हाथ टूट जाता है, उसकी जगह उसे कृत्रिम अंग लगा दिया जाता है. इस कृत्रिम अंग से वह व्यक्ति अपने कई काम तो निपटा लेता है, लेकिन हाथ में पकड़ी हुई वस्तुओं को महसूस नहीं कर पाता है. लेकिन आने वाले समय में ऐसे लोग इन आर्टिफिशियल अंगों से हाथ में पकडी हुई वस्तुओं को भी महसूस कर सकेंगे.
IIT मंडी ने तैयार की अनोखी स्किन-
आईआईटी मंडी के शोधकर्ताओं और स्टूडेंटस के जरिए तैयार की गई कृत्रिम स्किन से यह सब संभव हो पाएगा. दरअसल आईआईटी के शोधकर्ताओं और स्टृडेंटस ने एक बहुउद्देशीय रोबोटिक हैंड का मॉडल तैयार किया है. इनका दावा है कि भविष्य में यह मॉडल, जहां मेडिकल क्षेत्र में डाक्टरों और नर्सों के लिए एक अस्स्टिेंट की तरह काम करेगा, वहीं रोबोटिक हैंड पर लगाई गई कृत्रिम स्किन हाथ में पकड़ी सभी चीजों को महसूस करने में पूरी तरह से सक्षम होगी.
चीजों को महसूस करेगी कृत्रिम स्किन-
इस मॉडल के बारे में जानकारी देते हुए आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ कम्प्यूटिंग एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग एसोसिएट प्रोफेसर श्रीकांत ने बताया कि रोबोटिक हैंड आदमी का दिमाग पड़ने में सक्षम नहीं होता है. जिससे आर्टिफिशियल हैंड से पकड़ी हई चीजें महसूस नहीं हो पाती है. लेकिन उनकी बनाई कृत्रिम स्किन इन चीजों को पहचानने और महसूस करने में पूरी तरह से सक्षम है. इस स्किन को बनाने में पीडीएम सब्सट्रेट और हाइड्रोजेल का इस्तेमाल किया है.
12 लोगों की टीम ने किया रिसर्च-
एसोसिएट प्रोफेसर श्रीकांत ने बताया कि 12 लोगों टीम पिछले 2 साल से इस मॉडल पर शोध में जुटी हुई है और इस मॉडल का पूरा शोध आईआईटी मंडी में ही किया गया है. अभी उनका यह मॉडल शुरूआती स्टेज में है और इसे चीजों को पकड़ने और महसूस करने में पूरी तरह से तैयार किया जा रहा है. उनकी तैयार की गई स्किन सामान्य तापमान में 4-5 साल तक काम कर सकती है. वहीं विपरीत परिस्थितियों में इसे वातानुकूल बनाने के लिए भी मॉडल पर शोध जारी है, जो एक साल में पूरा कर लिया जाएगा.
डॉक्टरों की मदद करेगा ये मॉडल-
श्रीकांत ने बताया कि उनके इस मॉडल की दूसरी खासियत यह है कि अस्पतालों में भी उनका यह रोबोटिक मॉडल कारगर सिद्ध होने वाला है. ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों औऱ नर्सो के लिए यह मॉडल असिस्टेंट का काम करेगा. जिससे डयूटी के दौरान डॉक्टरों और नर्सों को काम करने में आसानी होगी.
(मंडी से धर्मवीर की रिपोर्ट)
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