इंसानों का मंगल पर परमानेंट का अड्डा बनाने के लिए नासा और दुनिया की अलग-अलग स्पेस एजेंसी काम कर रही हैं. इसी कड़ी में नासा ने हाल ही में मून-टू-मार्स प्रोग्राम लॉन्च किया था. इसके ऑफिस को हेड करने के लिए भारतीय मूल के अमेरिकी सॉफ्टवेयर एंड रोबोटिक्स इंजीनियर अमित क्षत्रिय को चुना गया है. इस नए ऑफिस से ही इस मिशन को गाइड किया जाएगा. आसान शब्दों में कहा जाए, तो अमित क्षत्रिय इंसानों को मंगल और चांद पर पहुंचाने वाले मिशन में अहम भूमिका निभाएंगे
2003 से स्पेस प्रोग्राम में शुरू किया अपना करियर
सॉफ्टवेयर एंड रोबोटिक्स इंजीनियर अमित क्षत्रिय ने स्पेस प्रोग्राम में अपना करियर साल 2003 से शुरू किया था. उन्होंने एक रोबोटिक्स इंजीनियर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर और स्पेसक्राफ्ट ऑपरेटर के रूप में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में कई साल काम किया. साल 2014 से 2017 में वे डिप्टी और फिर ISS के व्हीकल ऑफिस के मैनेजर के रूप में नियुक्त हुए. इसके बाद, 2021 में वे नासा हेडक्वार्टर पहुंचे जहां उन्होंने असिस्टेंट डिप्टी एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में काम किया.
गणित में की है ग्रेजुएशन और एमए
नासा की ऑफिशियल वेबसाइट की मानें, तो अमित क्षत्रिय ने पासाडेना, कैलिफोर्निया में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से गणित में ग्रेजुएशन की है. जिसके बाद ऑस्टिन में टेक्सास यूनिवर्सिटी से गणित में ही मास्टर ऑफ आर्ट्स किया है. यूं तो उनका जन्म ब्रुकफील्ड, विस्कॉन्सिन में हुआ था, लेकिन वे कैटी, टेक्सास को अपना घर मानते हैं. उनके माता-पिता भारत से अमेरिका चले गए थे.
क्या है मून-टू-मार्स प्रोग्राम?
नासा आर्टेमिस प्रोग्राम (Artemis program) से चंद्रमा पर और उसके आसपास एक स्थायी जगह बनाने के लिए काम कर रही है. बता दें, आर्टेमिस 1 ने पिछले साल के आखिर में चंद्रमा की ऑर्बिट में और वापस आने के लिए एक मानवरहित ओरियन कैप्सूल भेजा था. वहीं नासा अब वर्तमान में आर्टेमिस 2 के लिए कमर कस रहा है. इसके तहत 2024 के आखिर में चंद्रमा के चारों ओर चार अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने वाला है. इसके अलावा अगर आर्टेमिस 3 की बात करें तो इसे 2025 के लिए तैयार किया जा रहा है.