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ग्लोबल वार्मिंग कम करने की पहल! MethaneSAT बताएगी कौन-सा देश फैला रहा कितनी मीथेन गैस, कुछ ऐसे करेगी ये सैटेलाइट काम

MethaneSat satellite: वैश्विक स्तर पर कितनी मीथेन गैस निकल रही है इसको ट्रैक करने और मापने के लिए इसे डिजाइन किया गया है. कैलिफोर्निया से SpaceX Falcon 9 रॉकेट पर सफलतापूर्वक इसे लॉन्च कर दिया गया है. ये सैटेलाइट का आकर वॉशिंग मशीन जितना ही है.

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हाइलाइट्स
  • मीथेन गैस करेगी ट्रैक 

  • मीथेन गैस एमिशन की निगरानी है जरूरी 

दुनियाभर में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए अलग-अलग कदम उठाए जा रहे हैं. ग्रीनहाउस गैस कम से कम निकलें इसके लिए उपाय भी किए जा रहे हैं. अब इसी कड़ी में धरती के वायुमंडल में मीथेन गैस के लेवल को भी चेक किया जाएगा. ये काम और कोई नहीं बल्कि  MethaneSAT नाम की सैटेलाइट करने वाली है. ये सैटेलाइट एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने बनाई है. 

मीथेन गैस करेगी ट्रैक 

वैश्विक स्तर पर कितनी मीथेन गैस निकल रही है इसको ट्रैक करने और मापने के लिए इसे डिजाइन किया गया है. कैलिफोर्निया से SpaceX Falcon 9 रॉकेट पर सफलतापूर्वक इसे लॉन्च कर दिया गया है. ये सैटेलाइट का आकर वॉशिंग मशीन जितना ही है. ये बड़े पैमाने पर ग्रीनहाउस गैस एमिशन की निगरानी करने वाली है. 

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मीथेन गैस एमिशन की निगरानी है जरूरी 

मीथेन, हालांकि दिखती नहीं है, लेकिन एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस (Greenhouse Gas) है. ये गैस कार्बन डाइऑक्साइड के बाद ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) में दूसरा सबसे बड़ा योगदान देती है. मीथेन औद्योगिक क्रांति के बाद से वैश्विक तापन के 30 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है. जलवायु परिवर्तन पर भी मीथेन का असर पड़ता है. इसके आलावा, मीथेन जमीनी स्तर पर ओजोन के निर्माण में योगदान देती है, जो गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है और समय से पहले होने वाली मौतों का कारण बनती है. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अनुसार, 20 साल में, कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में मीथेन ग्लोबल वार्मिंग में 80 गुना अधिक शक्तिशाली है.

कैसे काम करती है MethaneSAT? 

तेल और गैस क्षेत्र की निगरानी पर ध्यान केंद्रित करते हुए मीथेनसैट दिन में 15 बार पृथ्वी की परिक्रमा करेगी. बड़ी मात्रा में डेटा इकठ्ठा करके, मीथेनसैट का लक्ष्य उन स्रोतों की पहचान करना है जहां से ये गैस ज्यादा निकल रही है. इसके बाद, जिन देशों या क्षेत्रों से मीथेन गैस सबसे ज्यादा निकल रही है उनकी जिम्मेदारी निर्धारित की जा सकेगी, साथ ही इसे समय -समय पर ट्रैक किया जा सकेगा. जो डेटा इकट्ठा किया जाएगा उसकी जांच Google के क्लाउड-कंप्यूटिंग और AI तकनीक का उपयोग करके की जाएगी. इसके बाद, डेटा को Google के अर्थ इंजन प्लेटफॉर्म के माध्यम से सार्वजनिक किया जाएगा. 

मीथेनसैट में हाई-रिजॉल्यूशन वाले इन्फ्रारेड सेंसर और स्पेक्ट्रोमीटर लगे हुए हैं. इसके अलावा, इसका एडवांस कैमरा बेहतर तरीके से ज्यादा और कम मीथेन गैस फैलाने वाले स्रोतों का पता लगा सकेगा.