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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को 2030 तक किया जाएगा नष्ट, NASA ने बताई वजह

यह एक ऐसा खास आर्टिफिशियल सैटेलाइट है जिस पर अंतरिक्ष यात्री कई दिनों तक रह सकते हैं. लेकिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पिछले कुछ समय से तकनीकी खराबी, आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होने जैसी चीजों से जूझ रहा है. ऐसे में अब नासा इसे बंद करने या नष्ट करने पर विचार कर रहा है

इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन
हाइलाइट्स
  • ISS अब अपने तीसरे दशक में है

  • जो बाइडेन ने किया था 2030 तक ISS को चालू रखने का वादा

पूरी दुनिया में स्पेस रिसर्च पर बहुत काम हो रहा है. दुनिया के कई देश मंगल पर अपने अभियान भेज चुके हैं तो वहीं नासा भी चांद और फिर मंगल पर अपने इंसान भेजने की तैयारी में लगा है. इस दौरान अगर सबसे ज्यादा किसी की चर्चा हुई है तो वो है इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station). यह एक ऐसा खास आर्टिफिशियल सैटेलाइट है जिस पर अंतरिक्ष यात्री कई दिनों तक रह सकते हैं. 

लेकिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पिछले कुछ समय से तकनीकी खराबी, आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होने जैसी चीजों से जूझ रहा है. ऐसे में अब नासा इसे बंद करने या नष्ट करने पर विचार कर रहा है. नासा ने आईएसएस को बंद या नष्ट करने के लिए अपने प्लान के बारे में एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें कहा गया है कि नासा और उसके सहयोगी दस साल से भी कम समय में इस स्टेशन को नष्ट करने वाले हैं.

आईएसएस अब अपने तीसरे दशक में है

आपको बता दें, आईएसएस अब अपने तीसरे दशक में है. इसे 21 साल पहले 20 नवंबर 1998 को प्रक्षेपित कर पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया था. दुनिया भर के वैज्ञानिकों को इस बात की बहुत उम्मीदें हैं कि अभी भी इससे बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है.1998 से अब तक 244 अंतरिक्ष यात्रियों ने इस फ्लोटिंग लैब में कदम रखा है.

लेकिन जनवरी 2031 में इस लैब को स्पेसक्राफ्ट सेमेट्री’ में भेजकर ऑर्बिट से बाहर ले जाने की योजना बनाई जा रही है.

जो बाइडेन ने किया था 2030 तक आईएसएस को चालू रखने का वादा 

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2030 तक आईएसएस को चालू रखने का वादा किया था, लेकिन इसका भविष्य अनिश्चित है क्योंकि यह काफी पुराना हो गया है और इसकी मरम्मत भी नहीं की जा सकती है. एजेंसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "आईएसएस हमेशा के लिए नहीं रहेगा, नासा 2030 तक इसे सुरक्षित रूप से संचालित करने की उम्मीद करता है.

कैसे किया जाएगा नष्ट?

लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि वर्तमान आईएसएस का क्या किया जाए, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा में हमेशा के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. अगर इसे ऐसे ही छोड़ा जाता है तो इससे स्पेस पॉल्यूशन  पैदा हो सकता है, जिससे बाद में चलकर खतरा हो सकता है. इसलिए नासा ने धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई कम करने की योजना बनाई है, जब तक कि पृथ्वी का वायुमंडल इसे करीब और तेज़ी से खींचकर समुद्र में नहीं भेज देता. इसके बाद ऑपरेटर इसके थ्रस्टर्स और उन वाहनों को फायर करेंगे जो अभी भी इसमें लगे हुए हैं और फिर इसे समुद्र में गिरा दिया जाएगा.