भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने मेसर्स नेटवर्क एक्सेस एसोसिएटेड लिमिटेड (मैसर्स वनवेब), यूनाइटेड के साथ दो लॉन्च सेवा सर्विसेज पर हस्ताक्षर किए हैं. इसके तहत इसरो के सबसे भारी लॉन्चर LVM3 वनवेब के LEO ब्रॉडबैंड संचार उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा.
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगी शुरूआत
इसरो ने अपने एक बयान में कहा कि मेसर्स वनवेब के साथ इसरो के इस एग्रिमेंट से एलवीएम3 वैश्विक वाणिज्यिक लॉन्च सेवा बाजार में एंट्री करेगा, इस एग्रिमेंट में 36 उपग्रहों को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक LVM3 की मदद से कक्षा में रखा जाएगा.
वनवेब एक वैश्विक संचार नेटवर्क है, ये नेटवर्क सरकारों, व्यवसायों और अलग-अलग समुदायों के लिए कनेक्टिविटी को आसान बनाता है. फिलहाल यह लो अर्थ ऑर्बिट उपग्रहों के एक समूह को एक्टिव कर रहा है.
वनवेब ने लॉन्चिग को बनाया आसान
बता दें कि दो सॉलिड स्ट्रैप-ऑन बूस्टर और LVM3 के लिक्विड कोर स्टेज को सतीश धवन स्पेस सेंटर एकीकृत किया गया है. इसकी जांच के बाद 36 वनवेब उपग्रहों को डिस्पेंसर यूनिट के साथ जोड़ा गया है. वनवेब ने लॉन्च को आसान बनाने के लिए राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के साथ मिलकर काम किया है.
अगले साल शुरुआत में तीन नई लॉन्चिंग
कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस लॉन्च के साथ, वनवेब 'जेन 1 एलईओ तारामंडल' के 70 प्रतिशत से ज्यादा कक्षा की एक तरह से देखरेख करेगा. बता दें कि वनवेब दुनिया भर में हाई स्पीड के साथ तेजी से कनेक्टिविटी सेवाएं प्रदान करने वाली सर्विस है. वनवेब का कहना है कि इसके अलावा इसी साल एक और संचार उपग्रह लॉन्च होने वाला है, वहीं अगले साल शुरुआत में तीन और लॉन्च का लक्ष्य रखा गया है,
गांव के आखिरी छोर तक होगी पहुंच
वनवेब में एक प्रमुख निवेशक और शेयरधारक भारती एंटरप्राइजेज ने इस साल ह्यूजेस कम्युनिकेशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (एचसीआईपीएल) के साथ एक साझेदारी की. इसका मकसद दुर्गम क्षेत्रों के कस्बों, गांवों और स्थानीय और क्षेत्रीय नगर पालिकाओं को डिजिटल बनाने का है. इस सिलसिले में वनवेब के सीईओ नील मास्टर्सन ने कहा, "- हमें गर्व है कि हम गांव के आखिरी छोर पर बसी आबादी को दुनिया भर से जोड़ने का काम कर रहे हैं.