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NVS-01 Satellite: ISRO लॉन्च कर रहा है NVS-01 सैटेलाइट, जानें अभी तक केवल किन देशों के पास है खुद का नेविगेशन सिस्टम

ISRO Mission Launch: NVS-01 नेविगेशन के लिए दूसरी जनरेशन की अपने तरह की पहली सैटेलाइट है. इसका वजन लगभग 2,232 किलोग्राम है, जिसमें स्वदेशी एटॉमिक घड़ी लगाई गई है.

(NavIC) (NavIC)
हाइलाइट्स
  • नेविगेशन सैटेलाइट है ये 

  • मिशन लाइफ 12 साल है

भारत आए दिन नए-नए इनोवेशन कर रहा है. इतना ही नहीं स्पेस इंडस्ट्री में भी बढ़=चढ़कर हिस्सा ले रहा है. अब इसी कड़ी में इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) एक और मिशन लॉन्च करने जा रहा है. 29 मई को एसडीएससी-शार, श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से सुबह 10.42 बजे जीएसएलवी-एफ12/एनवीएस-01 मिशन लॉन्च होने वाला है. 

नेविगेशन सैटेलाइट है ये 

दरअसल, ये एक तरह की नेविगेशन सैटेलाइट है. इसरो की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, “यह जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV) मिशन NVS-01 नेविगेशन सैटेलाइट को तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका वजन लगभग 2232 किलोग्राम है, जिसे जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में रखा गया है. इसके बाद सैटेलाइट को इच्छित ऑर्बिट में ले जाने के लिए काम किया जाएगा."

NavIC की क्या होगी सर्विस 

NVS-01 इंडियन कॉन्स्टेलशन सर्विस (NavIC) के साथ नेविगेशन के लिए दूसरी जनरेशन की अपने तरह की पहली सैटेलाइट है. इसका वजन लगभग 2,232 किलोग्राम है, जिसमें स्वदेशी एटॉमिक घड़ी लगाई गई है. ये घड़ी ऑर्बिट रेजिंग प्रोसीजर को और भी बेहतर और बारीकी से बता सकेगी. साथ ही यह भारत और इसके आसपास के क्षेत्रों में यूजर्स को स्थिति, वेलोसिटी और समय की जानकारी देगी. 

मिशन लाइफ 12 साल 

ISRO की मानें, तो NVS-01 सैटेलाइट 2016 में लॉन्च किए गए IRNSS-1G सैटेलाइट की जगह लेने वाली है. ये सैटेलाइट भारतीय क्षेत्र को नेविगेशनल सर्विस देने वाली 7 सैटेलाइट के एक ग्रुप का हिस्सा है. इसकी मिशन लाइफ 12 साल है. 

दूसरी जनरेशन की सैटेलाइट एडवांस फीचर और क्षमताओं के साथ बनाई जाती हैं, ताकि NavIC नेविगेशन सिस्टम की सटीकता और विश्वसनीयता में सुधार हो सके. इसे लगभग 36,000 किलोमीटर के अपोजी के साथ जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में तैनात किया जाएगा. 

किन देशों के पास है अपना नेविगेशन सिस्टम?

देश

नेविगेशन सिस्टम

अमेरिका

जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम)

रूस

ग्लोनास (ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम)

यूरोपीय संघ

गैलीलियो

चीन

BeiDou नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (BDS)

भारत

NavIC (नेविगेशन विद इंडियन Constellation)

जापान

QZSS (क्वैसी-जेनिथ सैटेलाइट सिस्टम)

दक्षिण कोरिया

KASS (कोरिया ऑग्मेंटेशन सैटेलाइट सिस्टम)

इन देशों ने अपने संबंधित क्षेत्रों के भीतर स्थिति, नेविगेशन और समय सेवाओं को बढ़ाने के लिए अपना खुद का स्वतंत्र नेविगेशन स्थापित किया है.

आगे इसरो ने यह भी कहा कि लॉन्च व्यू गैलरी, SDSC-SHAR, श्रीहरिकोटा से लॉन्च देखने के लिए नागरिक https://lvg.shar.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.