scorecardresearch

Organ Donation: 19 साल के ब्रेन डेड युवा ने बचाई 3 जिंदगियां, पश्चिमी राजस्थान का पहला ऑर्गन डोनेशन

Rajasthan Organ Donation: डॉ. एलीजा मित्तल ने बताया कि एक किडनी और लीवर को एम्स जोधपुर, एक किडनी को एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर भेजा गया. इससे तीन लोगों की जान बच पाई है.

Organ Donation (Photo: Unsplash) Organ Donation (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • एक्सीडेंट से हुआ ब्रेन डेड 

  • 3 लोगों की बचाई जान 

राजस्थान के जोधपुर में रहने वाले 19 साल के विक्रम कुमार की वजह से 3 जिंदगियां बच गई हैं. 3 दिन पहले 12वीं की परीक्षा देकर लौटते समय विक्रम दुर्घटना में घायल हो गया था. विक्रम के शरीर के अंगों को बुधवार को जोधपुर एम्स हॉस्पिटल में डोनेट किया गया है. सड़क दुर्घटना के बाद में विक्रम का ब्रेन डैमेज हो गया था. जोधपुर एम्स में यह पहला मौका है, जब किसी ब्रेन डेड के ऑर्गन को डोनेट किया गया है. इससे 3 लोगों की जिंदगी को बचाया गया है. 

एक्सीडेंट से हुआ ब्रेन डेड 

शहर के पाल गांव के सारण नगर में रहने वाला विक्रम कुमार 12वीं कॉमर्स का स्टूडेंट था. लेकिन जब वह सोमवार को अपनी परीक्षा देकर बाइक पर घर लौट रहा था, तब उसका एक्सीडेंट हो गया. बोरानाडा में हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री के सामने डिवाइडर के बीच बने कट पर पीछे से आ रही एक बाइक ने उसे टक्कर मार दी. टक्कर के बाद विक्रम उछलकर सड़क के दूसरी तरफ गिर गया और उसका सिर डिवाइडर से टकरा गया जिससे ब्रेन डैमेज हो गया. इसके बाद मौके पर मौजूद लोगों ने उसे एम्स जोधपुर अस्पताल पहुंचाया जहां पर परिवारजनों को बताया गया कि विक्रम का ब्रेन डैमेज हो गया है. 

सम्बंधित ख़बरें

3 लोगों की बचाई जान 

एम्स के अधीक्षक डॉ. दीपक झा ने बताया कि हॉस्पिटल में आए मरीज का एक्सीडेंट से ब्रेन डेड हो गया था. ब्रेन डेड होने के बाद उसके शरीर के लिवर और किडनी और लंग्स पूरी तरह काम कर रहे थे. ऐसे में एम्स के डॉक्टरों ने विक्रम के पिता से उसके लिवर, किडनी और एक लंग्स दान करके तीन लोगों की जिंदगी बचाने की बात कही. विक्रम के पिता बात की गंभीरता को समझते हुए विक्रम के अंग को डोनेट करने के लिए सहमत हो गए. हालांकि, विक्रम की माता इसके लिए शुरुआत में सहमत नहीं हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसके लिए हामी भर दी.  

ऑर्गन ट्रांसफर के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया 

एम्स जोधपुर की पीआरओ डॉ. एलीजा मित्तल ने बताया कि एक किडनी और लीवर को एम्स जोधपुर, एक किडनी को एसएमएस हॉस्पिटल जयपुर भेजा गया, इससे तीन लोगों की जान बच पाई. एम्स प्रशासन की ओर से इन ऑर्गन को जयपुर अस्पताल तक पहुंचाने के लिए जोधपुर कमिश्नर राजेंद्र सिंह को पत्र लिखा गया. इसके तहत पुलिस प्रशासन से रास्ते को क्लीयर करवाने और ग्रीन कोरिडोर बनाने की मांग की गई. जिसे करीब बुधवार को दोपहर 3:00 बजे जोधपुर से रवाना किया गया. वहीं ऑर्गन्स बुधवार की शाम जयपुर के एसएमएस अस्पताल पहुंच गए और तुरंत उसे ऑपरेट कर मरीज के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया. एम्स जोधपुर के अधीक्षक डॉक्टर दीपक झा ने बताया कि अब विक्रम के माता-पिता को आजीवन कैशलेस इलाज की सुविधा देने की घोषणा की है.

परिवार के सदस्य उनके भाई महेंद्र और उनके मामा मानाराम सुथार ने कहा कि यह पश्चिमी राजस्थान का पहला ऑर्गन डोनेशन है. माता-पिता के लिए यह बहुत बड़ा निर्णय था उनके बेटे के शरीर के अंगों के माध्यम से वे दूसरों को जिंदगी देने के लिए सहमत हुए. 

(अशोक शर्मा की रिपोर्ट)