जब तक धरती पर इंसानों का वजूद रहेगा. तब तक 20 जुलाई को दुनिया याद करेगी. ये वो तारीख है, जब इंसान ने चांद पर पहला कदम रखा था. चांद पर खड़े इंसान की तस्वीर सदियों तक हमारे जेहन में रहेगी. 20 जुलाई 1969 को नील आर्मस्ट्रांग ने अपना नाम इतिहास में दर्ज करा लिया. नील ने इस दिन चांद पर पहला इंसानी कदम रखा था. नासा का अपोलो 11 चार दिन सफर करने के बाद चांद पर पहुंचा था और 21 घंटे 31 मिनट तक चांद की सतह पर रहा. इंसान के चांद तक पहुंचने की कहानी दिलचस्प है.
मिशन अपोलो 11 की कहानी-
16 जुलाई 1969 को अमेरिका के केप कैनेडी स्टेशन से अपोलो-11 ने चंद्रमा के लिए उड़ान भरी. उस वक्त भारत में शाम के 7 बजकर 2 मिनट हो रहे थे. इस यान में तीन अंतरिक्षयात्री नील आर्मस्ट्रांग, एडविन बज एल्ड्रिन और कॉलिंस मौजूद थे. रात को एक बजकर 47 मिनट पर अपोलो का ईंगल यान चांद की सतह पर उतरा. इसमें नील आर्मस्ट्रांग और एडविन एल्ड्रिन थे. माइक कॉलिंस कोलंबिया में ही बैठे रहे. भारतीय समय के अनुसार सुबह 8 बजकर 26 मिनट पर नील आर्मस्ट्रांग यान 'ईंगल' से बाहर निकले. उन्होंने कहा कि मैं अब सीढ़ी से नीचे उतर रहा हूं. ईंगल के पैर 3-4 सेंटीमीटर मिट्टी में धंस गए लगते हैं. चांद की सतह बहुत ही महीने रेत से बनी हुई लगती है. इतनी बारीक है कि पाउडर जैसी दिखती है. उन्होंने कहा कि अब मैं सीढ़ी से अलग हट रहा हूं. इसके साथ ही नील आर्मस्ट्रांग ने इतिरहास रच दिया और चांद पर उतरने वाले पहले इंसान बन गए. 20 मिनट बाद एल्ड्रिन भी ईगल से बाहर निकले और चंद्रमा की मिट्टी पर पैर रखे. उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी ध्वज खोला और उसका डंडा मिट्टी में गाड़ा.
नील और बज ने चांद पर क्या किया-
नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्ड्रिन ने इतिहास रच दिया था. दोनों ने चांद की सतह से पर 2 घंटे 31 मिनट तक रहे. इस दौरान उन्होंने 21 किलो 600 ग्राम कंकड़ और पत्थर जमा किए. इसके बाद दोनों यान ईगल में पहुंचे और कोलंबिया में पहुंच गए. इसके बाद ईगल को कोलंबिया से अलग कर दिया गया और धरती की तरफ उड़ान भरी. 24 जुलाई को रात 10 बजकर 20 मिनट पर कोलंबिया अमेरिका के जॉन्स्टन द्वीप के पास प्रशांत महासागर में गिरा. कोलंबिया को अमेरिकी जहाज के हेलिकॉप्टर ने उठाया. उन लोगों को 17 दिनों तक क्वारंटाइन रखा गया. इसके बाद नील और बज दुनिया के सामने आए.
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