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Artemis Mission: इंसानों को दोबारा चांद पर पहुंचाएगा NASA का आर्टेमिस मिशन, जानें क्या है खास बात

नासा लगातार इस तरह की गतिविधियां कर रहा है जिससे इंसानों को फिर से चांद पर भेजा जा सके और इन्हीं गतिविधियों को अब नाम दिया गया है आर्टेमिस प्रोग्राम.

NASA to launch Artemis 1 Moon Mission (Photo: Twitter) NASA to launch Artemis 1 Moon Mission (Photo: Twitter)
हाइलाइट्स
  • तीन भागों में पूरा होगा यह Artemis प्रोग्राम

  • NASA का असल लक्ष्य है मंगल

Artemis missions: नासा (NASA) का आर्टेमिस प्रोग्राम अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर पहुंचाने और वहां लगातार उनकी उपस्थिति बनाए रखने का एक प्रयास है. आर्टेमिस-1 अगस्त 2022 के अंत में लॉन्च होने वाला है. पहली लॉन्च विंडो अगस्त 29 के लिए निर्धारित थी लेकिन ईंजन 3 में खराबी की वजह से लॉन्च‍िंग टाल दी गई है. बैक-अप लॉन्च विंडो 2 सितंबर और 5 सितंबर के लिए निर्धारित हैं. 

इस प्रोग्राम का नाम चंद्रमा की ग्रीक देवी और अपोलो की जुड़वां बहन, आर्टेमिस का नाम पर रखा गया है. अपोलो प्रोग्राम ने पहली बार 20 जुलाई, 1969 को अंतरिक्ष यात्रियों को हमारे प्राकृतिक उपग्रह, चांद पर ले गया था.

असल लक्ष्य है मंगल 
नासा लगातार इस तरह की गतिविधियां कर रहा है जिससे इंसानों को फिर से चांद पर भेजा जा सके और इन्हीं गतिविधियों को अब नाम दिया गया है आर्टेमिस प्रोग्राम. इन गतिविधियों को पूर्व- राष्ट्रपति ट्रम्प की अंतरिक्ष नीति निर्देश-1 द्वारा अनिवार्य किया गया था. जिसने एजेंसी को चंद्रमा मिशन पर ध्यान केंद्रित करने का काम सौंपा था. 

साल 2019 में, उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने 2024 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मनुष्यों को उतारने के लिए एक महत्वाकांक्षी समय सीमा निर्धारित की है. हालांकि, आर्टेमिस मिशन का असल उद्देश्य मंगल तक पहुंचने के लिए चांद को इस्तेमाल करना है. मंगल ग्रह पर अब तक सभी जासूसी कार्य रोबोट कर चुके हैं, लेकिन नासा का लक्ष्य अब 2030 तक अंतरिक्ष यात्रियों को वहां भेजना है. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तीन बार के नासा के अंतरिक्ष यात्री स्टीवन स्वानसन का कहना है कि उनका असली लक्ष्य मंगल है. और चंद्रमा का इस्तेमाल वे एक टेस्ट के रूप में करेंगे क्योंकि मंगल एक बहुत ही कठिन मिशन है. स्टीवन ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के तीन मिशनों (अंतरिक्ष शटल उड़ानों STS-117 और STS-119 और सोयुज उड़ान TMA-12M पर) के दौरान अंतरिक्ष में 195 दिनों से अधिक समय तक भ्रमण किया है.

तीन भागों में पूरा होगा यह प्रोग्राम
आपको बता दें कि यह प्रोग्राम तीन हिस्सों में बांटा गया है. आर्टेमिस कार्यक्रम के केंद्र में नासा का नया मेगारॉकेट, स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) और ओरियन अंतरिक्ष यान हैं. SLS एक 322 फुट लंबा (98 मीटर) रॉकेट है जिसमें अंतरिक्ष में पेलोड लॉन्च करने के लिए कोर स्टेज, अपर स्टेज और ट्विन फाइव-सेगमेंट सॉलिड रॉकेट बूस्टर शामिल हैं. चालक दल के आर्टेमिस मिशन के लिए, रॉकेट ओरियन अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर लॉन्च करेगा. ओरियन एक स्पेस कैप्सूल है जो अपोलो कमांड मॉड्यूल से बड़ा है. इसे मिशन पर चार अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. 

2022: आर्टेमिस 1
पहला मिशन बिना चालक दल के होगा. इसमें SLS रॉकेट की सुरक्षा, और ओरियन कैप्सूल की चंद्रमा तक पहुंचने की क्षमता, चंद्र कक्षा में प्रदर्शन करने और पृथ्वी पर लौटने की क्षमता का परीक्षण किया जाएगा. SLS रॉकेट प्रदर्शन करने के लिए 13 छोटे सैटेलाइट्स को एक्सपेरिमेंट्स और टेक्नोलॉजी डेमॉनस्ट्रेशन के लिए अंतरिक्ष में ले जाएगा.

यह क्राफ्ट छह दिनों के लिए परफॉर्मेंस डेटा इकट्ठा करते हुए चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. यह मिशन 29 अगस्त को लॉन्च होगा और 42 दिनों बाद 10 अक्टूबर को क्राफ्ट पृथ्वी पर वापस आकर मिशन का पूरा करेगा. 

2024: आर्टेमिस 2
पहले चार आर्टेमिस अंतरिक्ष यात्रियोंके साथ, ओरियन कैप्सूल चालक दल को पृथ्वी से इतनी दूर ले जाएगा, जहां मनुष्यों ने पहले कभी यात्रा नहीं की है. लगभग 10-दिवसीय मिशन में, चालक दल एक लूनार फ्लाईबाई को पूरा करेंगे और मनुष्यों को ले जाने के दौरान अंतरिक्ष यान के सिस्टम का मूल्यांकन करते हुए पृथ्वी पर लौटेंगे.

2025: आर्टेमिस 3
इस मिशन में पुरुष और पहली बार कोई महिला चांद पर कदम रखेंगे. अगर पिछले मिशन सफल रहे तो, अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की ओर शूट करेंगे. चंद्र लैंडर का उपयोग करके दो लोगों को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में ले जाया जाएगा. ये करीब एक हफ्ते तक चांद पर रहेंगे. 


चांद पर पहली बार जाएगी महिला
1969 और 1972 के बीच, छह मिशन हुए. जिनमें 12 लोगों में चंद्रमा पर कदम रखा, लेकिन ये सभी पुरुष थे. इस तरह के एक उच्च जोखिम वाले मिशन के लिए, सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों की आवश्यकता थी, और उस समय नासा में ऐसी कोई महिला नहीं थी जिसे उपयुक्त टेस्ट फ्लाइट का अनुभव हो. 

लंबे समय तक, स्पेस को मुख्य रूप से पुरुषों की इंडस्ट्री के रूप में देखा जाता था, और 1978 तक नासा ने अपनी पहली महिला अंतरिक्ष यात्रियों का चयन नहीं किया था. हालांकि, मार्च 2022 तक, 75 महिलाएं अंतरिक्ष में जा चुकी हैं, और आर्टेमिस चंद्रमा की लैंडिंग हमेशा इस बदलते समय की याद दिलाएगी.

हालांकि वर्तमान में यह तय नहीं है कि किसे चुना जाएगा. दिसंबर 2020 में, नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की आर्टेमिस टीम की घोषणा की, जिसमें नौ महिलाएं (कायला बैरोन, क्रिस्टीना एच कोच, निकोल ए मान, ऐनी मैकक्लेन, जेसिका मीर, जैस्मीन मोघबेली, केट रुबिन्स, जेसिका वॉटकिंस और स्टेफ़नी विल्सन) और 9 पुरुष (जोसेफ अकाबा, राजा चारी, मैथ्यू डोमिनिक, विक्टर ग्लोवर, वॉरेन होबर्ग, जॉनी किम, केजेल लिंडग्रेन, फ्रैंक रुबियो और स्कॉट टिंगल) शामिल थे. 

स्पेसेक्स मून लैंडर
नासा ने आर्टेमिस 3 के लिए मून लैंडर बनाने के लिए एलोन मस्क के स्पेसएक्स को चुना है. स्पेसएक्स की स्टारशिप अभी भी डेवलप हो रही है. यह स्टारशिप ओरियन क्रू कैप्सूल से चंद्र सतह और पीछे तक एक शटल के रूप में काम करेगी. 

इसके अलावा, आर्टेमिस प्रोग्राम ने गेटवे नामक एक स्पेस स्टेशन के निर्माण के लिए भी कहा है जो चंद्रमा की परिक्रमा करेगा. स्पेसएक्स फाल्कन हेवी रॉकेट ने पहले दो तत्वों - लिविंग क्वार्टर मॉड्यूल और पावर और प्रोपल्सन सिस्टम - को 2024 के अंत में जल्द से जल्द लॉन्च करने की योजना बनाई है. गेटवे की असेंबली के लिए ओरियन क्रू जिम्मेदार होंगे।

अंतरिक्ष यात्री गेटवे में 30 से 60 दिन बिताएंगे और फिर उन्हें एर लैंडर दिया जाएगा, जो उन्हें चंद्रमा पर और फिर धरती पर वापस यात्रा करने की अनुमति देगा. यह गेटवे मंगल ग्रह की भविष्य की किसी भी यात्रा के लिए एक पड़ाव के रूप में भी काम करेगा.