गगनयान मिशन को रफ्तार के पंख लगने वाले हैं. इसरो अंतरिक्ष में गगनयान भेजने की तैयारी कर रहा है. यानी वो दिन अब दूर नहीं जब अंतरिक्ष में शान से तिरंगा लहराया जाएगा. अंतरिक्ष में भारत को नई पहचान मिलेगी.
इसरो ने गगनयान मिशन के लिए कमर कस ली है. इसरो की ये तैयारियां अनंत अंतरिक्ष में कामयाबी की नई इबारत लिखने वाली है और इस मिशन के पहले चरण की तारीख भी नजदीक आ गई है. गगनयान मिशन की सफलता इसके अबॉर्ट टेस्ट पर निर्भर करती है. ये टेस्ट इसी साल मई महीने में पूरा किया जाएगा. इस बात की जानकारी खुद सरकार ने लोकसभा में दी.
मई में होगा पैड अबॉर्ट टेस्ट
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सदन में बताया कि इसरो इस साल मई महीने में ये टेस्ट करने जा रहा है. गगनयान मिशन के लिए ये पहला अबॉर्ट टेस्ट होगा. जिसे TV-D1 टेस्ट व्हीकल के जरिए अंजाम तक पहुंचाया जाएगा. इस मिशन के लिए कुल 4 अबॉर्ट टेस्ट होने हैं जिसमें से ये पहला है, इसके बाद दूसरे परीक्षण यान TV-D2 की टेस्टिंग अगले साल की शुरुआत में होगी. ये गगनयान का पहला मानव रहित मिशन होगा. इन शुरुआती परीक्षण के दौरान ये भी टेस्टिंग होगी की क्रू को कैसे यान से बाहर निकलना है.
Pad Abort Test क्या होता है?
मिशन गगनयान के तहत इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को करीब 7 दिनों के मिशन पर अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में है. इस दौरान गगनयान इन यात्रियों को पृथ्वी से 400 किलोमीटर दूर पृथ्वी की कक्षा में जाकर सुरक्षित धरती पर वापस लाया जाएगा. लौटने पर ये अंतरिक्ष यात्री भारत के समुद्र में उतरेंगे, अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी पूरी तरह सुरक्षित हो इसके लिए इसरो लगातार क्रू मॉड्यूल की सेफ रिकवरी का परीक्षण कर रहा है.
तीन चरणों में होगा ट्रायल
मिशन गगनयान को 3 चरणों में पूरा किया जाएगा. पहला ट्रायल खाली किया जाएगा, यानी पहली बार में इस यान को मानव रहित भेजा जाएगा. इसके बाद दूसरे ट्रायल में एक महिला रोबोट भेजी जाएगी. जिसे खुद इसरो ने तैयार किया है. इस महिला रोबोट का नाम व्योम मित्र है. दोनों ट्रायल के आधार पर तीसरा ट्रायल किया जाएगा, जिसमें दो लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा.
जाहिर है मिशन गगनयान की कामयाबी हिंदुस्तान को अंतरिक्ष की दुनिया में सबसे ऊंचा मुकाम हासिल करवाएगी. इस मिशन की सफलता के बाद देश के लोगों को भी जल्द ही स्वदेशी यान से अंतरिक्ष की सैर करने का मौका मिलेगा.