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Life on Mars: मंगल पर मिली जीवन होने की संभावना! 350 करोड़ साल पहले रेड प्लेनेट पर मौजूद था महासागर, कुछ ऐसे की गई ये खोज

Life on Mars: मंगल ग्रह पर जीवन है या नहीं इसको लेकर कई रिसर्च की जा चुकी हैं. अब इसी में आगे बढ़ते हुए मंगल ग्रह पर महासागर का पता लगाया गया है. जिसे देखते हुए ही रेड प्लेनेट पर जीवन होने की संभावना जताई जा रही है.

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हाइलाइट्स
  • मंगल ग्रह पर जीवन होने की संभावना 

  • टोही ऑर्बिटर के डेटा का उपयोग किया

मंगल ग्रह पर कभी जीवन था या नहीं इसको लेकर कई साल से रिसर्च चल रही है. लेकिन हाल ही में शोधकर्ताओं की एक टीम को एक विशाल महासागर के प्रमाण मिले हैं. कहा जा रहा है कि ये महासागर मंगल ग्रह पर 350 करोड़ साल पहले रेड प्लेनेट की सतह पर मौजूद था. पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने हाल ही में 27 अक्टूबर को एक टोपोग्राफी सेट जारी किया है. उनका मानना ​​​​है कि यह नक्शा दिखाता है कि मंगल ग्रह पर एक बार समुद्र हुआ करता था. 

मंगल ग्रह पर जीवन होने की संभावना 

पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में भू-विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर बेंजामिन कर्डेनस ने मंगल ग्रह पर जीवन होने की संभावना भी जताई है. उन्होंने कहा, "यहां सबसे महत्वपूर्ण बिंदुओं में से एक के रूप में जो तुरंत दिमाग में आता है, वह यह है कि इस आकार के महासागर का अस्तित्व दिखाता है कि यहां जीवन होने की संभावना है. यह हमें प्राचीन जलवायु और इसके विकास के बारे में भी बताता है. इन निष्कर्षों के आधार पर, हम कह सकते हैं कि एक समय रहा होगा जब ये ग्रह पर्याप्त गर्म था और एक समय में यहां पानी भी मौजूद था.”

कैसे किया महासागर का पता?

शोध दल ने नासा और मार्स ऑर्बिटर लेजर अल्टीमीटर के डेटा को मैप करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया. उन्होंने 6,500 किलोमीटर से ज्यादा दूरी की तक नदी के किनारे की खोज की. इन सभी को दिखाने के लिए 20 सिस्टम में समूहित किया गया और ये दिखाया गया कि ये किनारे संभवत किसी नदी डेल्टा या पनडुब्बी-चैनल बेल्ट के हैं. प्रोफेसर बेंजामिन कर्डेनस ने कहा, "इस पेपर में हमने जो नई रिसर्च की वो मंगल ग्रह की स्ट्रेटीग्राफी और उसके सेडिमेंट्री रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर की.”

टोही ऑर्बिटर के डेटा का उपयोग किया

इसके लिए रिसर्च टीम ने 2007 में इकठ्ठा किए गए मंगल टोही ऑर्बिटर के डेटा का उपयोग किया. साथ ही मंगल ग्रह के एओलिस डोरसा क्षेत्र के माध्यम से कई जरूरी सूचना मिली. इसी को देखते हुए ये रिसर्च की गई. प्रोफेसर ने आगे कहा, "एओलिस डोर्सा में चट्टानें समुद्र का संकेत देती हैं. इससे पता चला कि मंगल ग्रह पर एक समय ऐसा भी था जब समुद्र का स्तर काफी बढ़ गया था. इसी से अनुमान लगाया जा रहा है कि एक समय में यहां जनजीवन भी होगा.