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Liquid biopsy for Glioblastoma: केवल एक घंटे में ही लग जाएगा ब्रेन कैंसर का पता... वैज्ञानिकों ने खोजा नया मेथड

Liquid biopsy for Glioblastoma: ग्लियोब्लास्टोमा एक गंभीर कैंसर है. यह सबसे आम और सबसे खतरनाक ब्रेन ट्यूमर में से एक है. हालांकि, इस कैंसर के होने की वजह क्या है इसे लेकर वैज्ञानिक अभी सटीक नहीं बता पाए हैं.

Liquid biopsy for Glioblastoma (Representative Image) Liquid biopsy for Glioblastoma (Representative Image)
हाइलाइट्स
  • लिक्विड बायोप्सी के पीछे की साइंस 

  • कई रोगियों का लिया गया सैंपल

जरा सोचिए अगर केवल एक ही घंटे में आपको ब्रेन कैंसर का पता चल जाए तो? वैज्ञानिकों ने इसके लिए एक नया मेथड खोजा है. ग्लियोब्लास्टोमा (Glioblastoma) में पारंपरिक सर्जिकल बायोप्सी (Surgical Biopsy) की तुलना में लिक्विड बायोप्सी काफी आसान और तेज और ज्यादा सटीक तरीका है. 

ग्लियोब्लास्टोमा काफी खतरनाक और कॉमन बीमारी है. आमतौर पर इस घातक कैंसर का पता लगाने में सर्जिकल बायोप्सी जैसी मुश्किल प्रक्रिया की जाती है. इसमें काफी समय लगता है. हालांकि, लिक्विड बायोप्सी (Liquid Biopsy) के रूप में जाना जाने वाला मेथड आसान है.

इस नए मेथॉस में ग्लियोब्लास्टोमा से जुड़े बायोमार्कर का पता लगाया जाता है. इसमें सिर्फ 100 माइक्रोलीटर खून की जरूरत होती है. यानी इसमें एक बूंद से भी कम खून लिया जाता है. इसका रिजल्ट भी केवल एक घंटे के भीतर आ जाता है. 

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लिक्विड बायोप्सी के पीछे की साइंस 
लिक्विड बायोप्सी खून में म्युटेटेड बायोमार्कर की पहचान करके काम करती है. म्युटेटेड बायोमार्कर एक तरह का एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर्स (EGFRs) के रूप में जाना जाता है. ये बायोमार्कर ग्लियोब्लास्टोमा सहित कुछ कैंसर में ज्यादा उभरकर सामने आता है. 

इस तकनीक को ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों के सहयोग से अमेरिका में नोट्रे डेम यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने बनाया है. ईजीएफआर का पता लगाने के लिए स्पेशल बायोचिप का इस्तेमाल किया जाता है. इस चिप की कीमत $2 से भी कम है, इसमें बॉलपॉइंट पेन की नोक के आकार का एक छोटा सेंसर है. जब खून के सैंपल ईजीएफआर बायोचिप से चिपकते हैं, तो प्लाज्मा सॉल्यूशन में वोल्टेज चेंज होता है. इससे हाई नेगेटिव चार्ज बनता है, जो कैंसर के होने का संकेत होता है. 

कई रोगियों का लिया गया सैंपल 
क्लीनिकल टेस्ट में, 20 ग्लियोब्लास्टोमा रोगियों और 10 स्वस्थ व्यक्तियों के खून के सैंपल पर लिक्विड बायोप्सी की गई. इसके रिजल्ट काफी आशाजनक आए हैं. कैंसर बायोमार्कर का पता लगाने में इसने काफी सटीकता दिखाई है. 

ग्लियोब्लास्टोमा क्या है?
ग्लियोब्लास्टोमा एक गंभीर कैंसर है. यह सबसे आम और सबसे खतरनाक ब्रेन ट्यूमर में से एक है. हालांकि, इस कैंसर के होने की वजह क्या है इसे लेकर वैज्ञानिक अभी सटीक नहीं बता पाए हैं. कुछ मामलों में, कहा जाता है कि ये जेनेटिक हो सकता है और इसका लिंक पारिवारिक इतिहास से जुड़ा हो सकता है. 

ग्लियोब्लास्टोमा के लक्षण क्या हैं?
ग्लियोब्लास्टोमा के कई लक्षण हैं, जिससे पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति को ब्रेन कैंसर है:

- सिरदर्द: बार-बार होने वाला सिरदर्द जो समय के साथ बढ़ता जाता है. 

- दौरे: इससे तेजी से दौरे आने लगते हैं या फिर आपका शरीर कांपने लगता है.  

-उल्टी: बीमार महसूस करना और उल्टी आ सकती है.

-दिखने में और बोलने में समस्या: इसमें दिखने में समस्या आ सकती है और बोलने में परेशानी हो सकती है.

-याद रखने में समस्या: चीजों को याद रखने में कठिनाई या स्पष्ट रूप से सोचने में समस्या आ सकती है. 

-कमजोरी या सुन्नपन: शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नपन महसूस हो सकता है. 

चूंकि ग्लियोब्लास्टोमा तेजी से बढ़ता है, इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है. समय रहते पता लगाने और इलाज से बीमारी को बेहतर तरीके से मैनेज करने में मदद मिल सकती है.

(डिस्क्लेमर: यहां बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. gnttv.com इसकी पुष्टि नहीं करता है.)