
महाकुंभ का 26 फरवरी को समापन होने जा रहा है और अब यह स्नान का आखिरी सप्ताह शुरू होने जा रहा है. इस दौरान सौरमंडल के सभी सात ग्रह भारत के रात्रि आकाश में दिखाई देंगे, जो एक दुर्लभ और अनोखी खगोलीय घटना होगी. सौरमंडल के सभी सात ग्रह - बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून - रात के दौरान देखे जा सकते हैं, जो दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम को एक अनूठा महत्व देते हैं.
कुछ लोगों का यह भी मानना है कि ब्रह्मांडीय घटना आपकी आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ा सकती है. यह ग्रह परेड जनवरी 2025 में शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेपच्यून दिखने के साथ शुरू हुई थी और अब फरवरी में अपने भव्य समापन पर पहुंचेगी. अब बुध भी इस परेड में शामिल होगा.
28 फरवरी को दिखेंगे सभी ग्रह एक साथ
यह नजारा 28 फरवरी को और पीक पर होगा, जब सभी सात ग्रह सूर्य के एक तरफ एक सीध होंगे, जिससे बहुत ही खूबसूरत ग्रह परेड बनेगी. इस ग्रह परेड के दौरान, पांच ग्रह - बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि - नंगी आंखों से दिखाई देंगे. हालांकि, यूरेनस और नेपच्यून के बहुत धुंधले होने के कारण दूरबीन या टेलीस्कोप से दिखाई देंगे. सबसे अच्छा दृश्य गोधूलि के समय होगा, या तो सूर्यास्त के बाद या सूर्योदय से पहले, जब ग्रह आकाश में ऊंचे स्थान पर होंगे और अच्छे से दिखाई देंगे.
क्या फिर से दिखेगा यह नजारा?
खगोलविदों के अनुसार, अगस्त 2025 के मध्य में सुबह के समय आकाश में छह ग्रह फिर से दिखेंगे. यूरेनस और नेपच्यून को देखना मुश्किल होगा इसलिए आपको उपकरण इस्तेमाल करने पड़ सकते हैं. बात करें महाकुंभ की तो हर चार साल में तीन पवित्र स्थानों - हरिद्वार, उज्जैन और नासिक - और प्रयागराज में हर 12 साल में आयोजित होने वाले इस आयोजन में लाखों तीर्थयात्रियों पहुंचते हैं. उनका मानना है कि इस अवधि के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है.