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Nasa Astronauts Return to Earth: 9 महीने 14 दिन बाद धरती पर वापिस लौटीं सुनीता विलियम्स... जानिए भविष्य के लिए क्या होंगी चुनौतियां और संभावनाएं

अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की सफल वापसी ने अंतरिक्ष मिशन में नई चुनौतियों और संभावनाओं को उजागर किया है.

sunita williams sunita williams

सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री, बुच विल्मोर नौ महीने बाद धरती पर लौट चुके हैं. अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 8 दिन के अभियान पर गए थे और वहीं फंस गए. अब वे 9 महीने 14 दिन बाद धरती पर लौटे हैं. यह पल सिर्फ नासा या अमेरिका के लिए नहीं बल्कि भारत के लिए भी बहुत गौरवपूर्ण है. क्योंकि सुनीता की जड़े भारत से जुड़ी हुई हैं. और इतना ही नहीं भारत में लगातार उनकी सकुशल वापसी के लिए तैयारियां हो रही थीं. गुजरात के मेहसाणा में उनके पैतृक गांव में पूजा-पाठ और प्रार्थनाएं की गईं ताकि वे सकुशल धरती पर लौट आएं.

सुनीता विलियम्स और उनके साथी, बुच विल्मोर ने पिछले साल 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी और आज सुबह स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान से वापस लौटे. अंतरिक्ष कैप्सूल ने फ्लोरिडा के तट से दूर समुद्र में उतरने से पहले पैराशूट खोल दिए गए. ड्रैगन कैप्सूल के अलग होने से लेकर समुद्र में लैंडिंग तक करीब 17 घंटे लगे. नासा की एक टीम ने हैच खोला और सुनीता विलियम्स ने कैप्सूल से बाहर आते समय हाथ हिलाकर सबका अभिवादन किया. 


विलियम्स और विल्मोर को सिर्फ 8 दिन के मिशन पर भेजा गया था. लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं की वजह से वे वहीं फंस गए. नासा ने दोनों एस्ट्रोनॉट्स को वापिस लाने के लिए कई प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली. आखिर में, एलन मस्क के स्पेसक्राफ्ट में उन्हें वापिस लगाया गया. सुनीता और बुच का वापिस लाने के लिए क्रू-9 मिशन हुआ. इस मिशन के तहत दो और एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में उन्हें लेने गए. हेग, गोरबुनोव, विलियम्स और विल्मोर, चारों एस्ट्रोनॉट मंगलवार (18 मार्च) को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से रवाना हुए थे. स्पेसक्राफ्ट के धरती के वायुमंडल में प्रवेश करने पर इसका तापमान 1650 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया था. इस दौरान करीब 7 मिनट के लिए कम्युनिकेशन ब्लैकआउट रहा.

शाम 5 बजे के आसपास, क्रू ड्रैगन कैप्सूल ने यात्रा के अंतिम चरण को शुरू किया. यात्रा का यह चरण अंतरिक्ष से धरती की किसी भी उड़ान का सबसे खतरनाक माना जाता है. 19 मार्च को रात 2:41 बजे डीऑर्बिट बर्न शुरू हुआ. यानी, कक्षा से उल्टी दिशा में स्पेसक्राफ्ट का इंजन फायर किया गया. इससे स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी के वातावरण में एंट्री हुई और सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंडिंग.

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यहां देखें नासा के स्पेसएक्स क्रू-9 की रिएंट्री और स्पलैशडाउन का वीडियो 

 

लैंडिंग के बाद रिकवरी और मेडिकल जांच
एक बार पृथ्वी पर वापस आने के बाद, अंतरिक्ष यात्री एक सावधानीपूर्वक नियोजित रिकवरी प्रक्रिया से गुजरेंगे. स्पलैशडाउन के बाद, विलियम्स और विल्मोर को कैप्सूल से बाहर निकाला गया और तत्काल मेडिकल टेस्ट के लिए स्ट्रेचर पर रखा गया. यह माइक्रोग्रैविटी के लंबे समय तक संपर्क के प्रभावों को कम करने के लिए एक नियमित प्रक्रिया है, जिससे मसल एट्रोफी, संतुलन की समस्या और शरीर में फ्लूइड शिफ्ट हो सकता है.

प्रारंभिक जांच के बाद, उन्हें ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर ले जाया गया, जहां उन्हें और मेडिकल जांचों से गुजरना होगा. इसके बाद ही, उन्हें अपने परिवारों से मिलने की मंजूरी मिलेगी. विलियम्स और विल्मोर मिशन के बाद की डीब्रीफिंग में भी हिस्सा लेंगे, जहां वे आईएसएस पर अपने लंबे स्टे के बारे में जानकारी शेयर करेंगे. अपने सामने आई चुनौतियों पर चर्चा करेंगे और बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देंगे. 

भविष्य के लिए नई संभावनाएं 
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की सफल वापसी ने अंतरिक्ष मिशन में नई चुनौतियों और संभावनाओं को उजागर किया है. सुनीता विलियम्स की यह वापसी न केवल उनके लिए बल्कि पूरी साइंटिस्ट कम्यूनिटी के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है. सुनीता विलियम्स का यह मिशन अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के अनुभव को दर्शाता है. इस मिशन से प्राप्त डेटा भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा. 

भारतीय वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा
सुनीता विलियम्स की सफल वापसी भारतीय वैज्ञानिकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी. भारत अपने गगनयान मिशन को लेकर उत्साहित है और इस मिशन से मिली सीखें भारतीय वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण होंगी. भारतीय वैज्ञानिक भी इंतजार कर रहे होंगे कि कब उन्हें उन अनुभवों को जानने समझने का मौका मिले.

अंतरिक्ष में स्वास्थ्य और सुरक्षा
अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के दौरान स्वास्थ्य और सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. खगोल विज्ञानी, डॉक्टर शालिनी ने बताया, 'बॉडी की आदत छूट गई. धरती के जो बैक्टीरिया है, वायरस है उनकी आदत छूट गई है तो एकदम से एक्सपोजर देना बहुत खतरनाक होता है.' इस मिशन से हासिल मेडिकल रिपोर्ट्स और डेटा भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे.

अंतरिक्ष उद्योग में निजी निवेश
अंतरिक्ष उद्योग में निजी निवेश की बढ़ती भूमिका भी इस मिशन से उजागर हुई है. एक और भारतीय एस्ट्रोनॉट ने कहा कि स्पेसएक्स जैसे एजेंसी का रहना या जो भी कमर्शियल स्पेसक्राफ्ट मिशन है इसका रहना जरूरी है. भारत में भी बड़े कॉर्पोरेट्स को इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है.

भविष्य के मिशनों के लिए तैयारियां
सुनीता विलियम्स के इस मिशन से हासिल अनुभव और डेटा भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण साबित होंगे. भारत के गगनयान मिशन और अन्य अंतरिक्ष मिशनों के लिए यह डेटा और अनुभव महत्वपूर्ण साबित होंगे. सुनीता विलियम्स की सफल वापसी ने अंतरिक्ष मिशन में नई चुनौतियों और संभावनाओं को उजागर किया है. भारतीय वैज्ञानिकों के लिए यह मिशन प्रेरणा का स्रोत बनेगा और भविष्य के मिशनों के लिए महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त हुआ है.