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NASA PROJECT: एस्ट्रोनॉट आसानी से कर सकेंगे धरती पर कॉल, ये भारतीय करेगा चंद्रमा पर 4G नेटवर्क डेवलप

निशांत का जन्म 1978 में दिल्ली में हुआ था और हायर स्टडीज के लिए उन्हें विदेश जाना पड़ा. स्मार्टफोन निर्माता कंपनी नोकिया में चीफ टेक्नोलॉजी स्ट्रेटेजिक ऑफिसर (CSTO) के रूप में कार्यरत भारतीय मूल के निशांत बत्रा चंद्रमा पर इस पहले सेलुलर नेटवर्क को बनाने में नासा की मदद कर रहे हैं.

Nishant Batra Nishant Batra
हाइलाइट्स
  • निशांत का जन्म 1978 में दिल्ली में हुआ था

  • Higher Studies के लिए उन्हें विदेश जाना पड़ा

जल्द ही अंतरिक्ष में गए हुए एस्ट्रोनॉट आसानी से धरती पर कॉल सकेंगे. जी हां, और किसी स्पेशल नेटवर्क से नहीं बल्कि इसके लिए 4जी नेटवर्क का सहारा लिया जायेगा.  नोकिया (Nokia) इस प्रोजेक्ट को लॉन्च करने वाला है, जिसे लीड करेंगे भारतीय मूल के निशांत बत्रा. आपको बता दें, निशांत नोकिया के टॉप एग्जीक्यूटिव हैं जो चंद्रमा पर पहले 4जी सेल्युलर नेटवर्क (4G cellular network on the Moon) की स्थापना से जुड़े प्रोजेक्ट को लीड करने वाले हैं. 

भारतीय मूल के हैं निशांत 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निशांत का जन्म 1978 में दिल्ली में हुआ था और हायर स्टडीज के लिए  उन्हें विदेश जाना पड़ा. स्मार्टफोन निर्माता कंपनी नोकिया में चीफ टेक्नोलॉजी स्ट्रेटेजिक ऑफिसर (CSTO) के रूप में कार्यरत भारतीय मूल के निशांत बत्रा चंद्रमा पर इस पहले सेलुलर नेटवर्क को बनाने में नासा की मदद कर रहे हैं. निशांत जनवरी 2021 में सीएसटीओ और नोकिया ग्रुप लीडरशिप टीम के सदस्य के रूप में शामिल हुए थे. 

उन्होंने INSEAD से एमबीए, टेलीकम्युनिकेशन में मास्टर डिग्री और डलास में साउथर्न मेथोडिस्ट यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री और भारत भारत की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है.

निशांत
निशांत

नोकिया में शामिल होने से पहले, निशांत ने स्वीडन में वेनीर में चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर और एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट के रूप में काम किया है. उन्होंने एरिक्सन में कई पदों पर रहते हुए 12 साल बिताए. 

एस्ट्रोनॉट कर सकेंगे स्पेस से धरती पर कॉल 

निशांत बत्रा कहते हैं, “इसे कुछ महीनों अंदर ही कवर करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन यह नासा का प्रोजेक्ट (NASA project) है, इसलिए मैं लॉन्च डेट नहीं बता सकता. इतना बता सकता हूं कि एस्ट्रोनॉट्स इसके जरिये धरती पर कॉल कर सकेंगे. आपको बता दें, नोकिया (Nokia) का ये लूनर नेटवर्क मुश्किल हालात में बने रहने और लॉन्च के लिए डिजाइन किया गया है.