अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने के लिए नासा हमेशा कुछ न कुछ एक्सपेरिमेंट करता रहता है. इसी मिशन का एक और प्रोजेक्ट है डार्ट (DART). नासा के वैज्ञानिक एक स्पेशल विमान से उल्कापिंड में टक्कर कराने वाले हैं. इसका नाम डॉयमरफस है. इसे मूनलेट भी कहते हैं. इसके लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने एक ऐसा अंतरिक्ष यान बनाया है जो जानबूझकर डिमोफोर्स नाम के एक छोटे एस्टेरॉयड से टकराएगा. इस मिशन का मकसद ये जानना है कि खतरनाक दिखने वाली चट्टानों को जानबूझकर दुर्घटनाग्रस्त करके अपने रास्ते से हटाया जा सकता है. यह 14,000 मील प्रति घंटे (22,500 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से उल्कापिंड से टकराएगा.
पृथ्वी से नहीं है ज्यादा दूरी
वैज्ञानिक इस घटना के लिए काफी ज्यादा उत्साहित हैं. 26 सितंबर को डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्ट टेस्ट अंतरिक्ष यान एक ऐसे एस्टेरॉयड से टकराएगा जिसकी दूरी पृथ्वी से ज्यादा नहीं है. हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं होगा. फॉक्स वेदर डॉट कॉम का कहना है कि इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य धरती को आने वाले एस्टेरॉयड के खतरों से बचाना है.अंतरिक्ष एजेंसी ने ट्विटर पर लिखा,‘खूबसूरत रास्ते से हमारा डार्ट मिशन डिमोर्फोस एक एस्टेरॉयड की ओर बढ़ेगा. हालांकि इससे पृथ्वी के लिए कोई खतरा नहीं है. अंतरिक्ष यान के इमेजर ने बृहस्पति की एक तस्वीर खींची है. इसमें चार सबसे बड़े चंद्रमा दिखाई दे रहे है.’
तस्वीर आने में लगेगा सप्ताह
नासा के कार्यक्रम वैज्ञानिक टॉम स्टेटलर ने कहा, "जब मैं बच्चा था, तब से यह विज्ञान-कथा किताबों और " स्टारट्रैक "के मजेदार एपिसोड में देखा अब यह वास्तविक होगा." कैमरे और दूरबीन दुर्घटना को देखेंगे, लेकिन यह पता लगाने में दिन या सप्ताह भी लगेंगे कि क्या इसने वास्तव में कक्षा को बदल दिया है या नहीं. इस मिशन की कुल लागत 25 अरब रुपये से भी ज्यादा है. डार्ट को करीब दस महीने पहले लॉन्च किया गया था.अंतरिक्ष यान तीन सामान्य मोटरसाइकिलों के आकार का है. नासा के इस मिशन की सफलता से अंतरिक्ष विज्ञान एक नया अध्याय लिखेगा.