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Nasa's UFO report: AI और मशीन लर्निंग से लगेगा UAP और UFO का पता! जानें NASA ने क्या कहा अपनी 33 पन्नों वाली रिपोर्ट में? 

रिपोर्ट में कहा गया है कि देखे गए UAP में एलियन की भागीदारी की ओर इशारा करने वाला कोई सबूत नहीं है. नासा ने अपनी रिपोर्ट में न तो किसी दूसरी दुनिया के होने की पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
  • यूएपी से जुड़ा अभी पूरा डेटा नहीं है

  • सुरक्षा सुनिश्चित करना है जरूरी 

पिछले कुछ दिनों से एलियन जैसी दो मम्मी (Mummy) देखी गई हैं. ऐसे में एकबार फिर से एलियन से जुड़ी चर्चा शुरू हो गई है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यूएफओ (UFO) और एलियन के जुड़ी अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. नासा के मुताबिक, ये रिपोर्ट सालभर की स्टडी के बाद तैयार की गई है. नासा ने अपनी रिपोर्ट में न तो किसी दूसरी दुनिया के होने की पुष्टि की है और न ही इससे इनकार किया है. यानि अब इससे आगे की जांच की संभावना खुली रह गई है. ये रिपोर्ट करीब 33 पन्नों की है. 

क्या है एलियन कनेक्शन?

रिपोर्ट में कहा गया है कि देखे गए UAP में एलियन की भागीदारी की ओर इशारा करने वाला कोई सबूत नहीं है. साथ ही ये भी स्वीकार किया कि ऐसी चीजों को पृथ्वी तक पहुंचने के लिए हमारे सौर मंडल को पार करना होगा. रिपोर्ट में निश्चित प्रमाण दिए बिना, पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर चलें वाली अज्ञात एलियन तकनीक की क्षमता की ओर संकेत किया गया है. 

यूएपी से जुड़ा अभी पूरा डेटा नहीं है

यूएपी को समझने में एक सबसे बड़ी मुश्किल है कि हाई क्वालिटी वाले डेटा की सीमित मात्रा है. उनके ओरिजिन और नेचर को लेकर जितनी भी चीजें कैप्चर की गई हैं वो साइंटिफिक तौर पर समझने के लिए अपर्याप्त हैं. इन सबको ही समझने के लिए नासा ने यूएपी रिसर्च के एक नए डायरेक्टर को नियुक्त किया है जो भविष्य के डेटा के मूल्यांकन के लिए एक मजबूत डेटाबेस स्थापित करने के लिए एआई और मशीन लर्निंग का उपयोग करेंगे.  

सुरक्षा सुनिश्चित करना है जरूरी 

गौरतलब है कि यूएपी रिसर्च की प्रामाणिकता को कभी-कभी संदेह और खतरों का सामना करना पड़ता है. जिससे सावधानी बरतने की जरूरत होती है. रिपोर्ट से पता चला है कि यूएपी रिसर्च पैनल को मिल रही धमकियों के कारण डायरेक्टर की पहचान को भी गोपनीय रखने का निर्णय लिया गया है. 

नासा ने यूएपी को बेहतर ढंग से पहचानने और समझने के लिए एआई टूल्स और मशीन लर्निंग के उपयोग पर जोर दिया है. इसके अलावा, कहा है कि इसमें जनता की भागीदारी को भी महत्वपूर्ण माना जाता है, ओपन-सोर्स स्मार्टफोन ऐप्स के माध्यम से भागीदारी को प्रोत्साहित करना और स्मार्टफोन मेटाडेटा इकठ्ठा करना इसमें शमिल है.