Medical Science को हमेशा के लिए बदल सकती है यह छोटी-सी Brain Implant Chip, जानिए
Neuralink: एलन मस्क का मानना है कि ब्रेन इंप्लांट चिप से मोटाटा, अवसाद और सिजोफ्रेनिया जैसी कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. पिछले साल एलन मस्क ने कहा था कि वह किसी दिन न्यूरालिंक के इंप्लांट्स को खुद पर आजमाने की योजना बना रहे हैं.
एलन मस्क के स्टार्टअप न्यूरालिंक को इंसानों में ब्रेन इंप्लांट चिप के परीक्षण की इजाजत मिली (Photo/Wikimedia Commons) - नई दिल्ली,
- 26 मई 2023,
- (Updated 26 मई 2023, 2:02 PM IST)
अरबपति एलन मस्क के स्टार्टअप न्यूरालिंक को इंसानों में ब्रेन इंप्लांट्स का परीक्षण करने की इजाजत मिल गई है. न्यूरालिंक का मकसद इंसान दिमाग को सीधे कंप्यूटर के साथ इंटरफेस कर देना है. इससे न्यूरोलॉजिकल रोगों के इलाज में मदद मिलने की उम्मीद है. इसलिए इंसानों पर परीक्षण की मंजूरी मांगी गई थी. न्यूरालिंक ने कहा कि यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से इंसानों पर क्लीनिकल स्टडी की मंजूरी मिल गई है. यह उनकी तकनीक के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है.
इन-ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी-
न्यूरालिंक ने ट्वीट किया कि हमें अपना पहला इन-ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने के लिए एफडीए की मंजूरी मिल गई है. यह एफडीए के साथ मिलकर न्यूरालिंक टीम की तरफ से किए गए अविश्वसनीय काम का नतीजा है. न्यूरालिंक का कहना है कि अभी तक ट्रायल के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.
न्यूरालिंक ह्यूमन ट्रायल की महत्वपूर्ण बातें-
न्यूरालिंक के इस प्रोजेक्ट से मेडिकल साइंस की तस्वीर बदल जाएगी. न्यूरालिंक ह्यूमन ट्रायल की महत्वपूर्ण बातें बताते हैं.
- ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस सिस्टम दिमाग के संकेतों को समझता है और बाहरी तकनीकों का इस्तेमाल करके उसके कमांड में बदलता है. न्यूरालिंक ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस सिस्टम उद्योग का उभरता हिस्सा है. यह कपनी इस उद्योग में सबसे फेमस है.
- वैज्ञानिकों बीसीआई टेक्नोलॉजी पर दशकों से स्टडी कर रहे हैं और कई कंपनियां इसको लेकर आशाजनक सिस्टम भी विकसित कर रही हैं, जिसे बाजार में आने की उम्मीद है. एफडीए से अप्रूवल का मतलब है कि कंपनी कई परीक्षण और डेटा सेफ्टी कलेक्शन के दौर से गुजरी है.
- एलन मस्क का मानना है कि ब्रेन इंप्लांट्स मोटापा, अवसाद, आत्मकेंद्रित और सिजोफ्रेनिया समेत कई बीमारियों को ठीक कर सकता है. पिछले साल मस्क ने कहा था कि उनको उपकरणों पर इतना भरोसा है कि वो इसे अफने बच्चों में इंप्लांट करने के लिए तैयार होंगे.
- न्यूरालिंक इकलौती बीसीआई कंपनी है, जिसे एफडीए से ट्रायल की मंजूरी मिली है. इंसानों पर ट्रायल की मंजूरी मिलने के बाद न्यूरालिंक मार्केट के और करीब आ गई है.
- न्यूरालिंक के इंटरफेस तकनीक को एक्टिव करने के लिए एक इनवेसिव ब्रेन सर्जरी की जरूरत पड़ेगी. न्यूरालिंक का पूरा सिस्टम लिंक के चारों तरफ केंद्रित है. लिंक एक छोटा गोलाकार इंप्लांट है, जो तंत्रिका संकेतों को प्रोसेस और ट्रांसलेट्स करता है. लिंक सीधे ब्रेन टिश्यू में डाले गए पतले और लचीले धागों की एक सीरीज से जुड़ा होता है, जहां वे न्यूरल सिगनल डिटेक्ट करते हैं.
- एक न्यूरालिंक ऐप होता है, जिसे वे पेसेंट इस्तेमाल करते हैं, जिसमें न्यूरालिंक डिवाइस इंप्लांट होता है. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक उसके बाद मरीज ब्लूटूथ कनेक्शन के जरिए उसे माउस और कीबोर्ड से कंट्रोल कर सकेंगे.
- न्यूरालिंक को एफडीए की जो मंजूरी मिली है, यह कई तरह से महत्वपूर्ण है. क्योंकि कंपनी को हाल ही में कई तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ा है. सीएनबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अभी फरवरी में अमेरिकी परिवहन विभाग ने असुरक्षित तरीके से दूषित हार्डवेयर की पैकेजिंग और ट्रांसपोर्टिंग के लिए न्यूरालिंक की जांच शुरू की थी. जबकि रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च में एफडीए ने इंसानों पर क्लीनिकल ट्रायल के न्यूरालिंक के आवेदन को खारिज कर दिया गया था और कंपनी के सामने दर्जनों मुद्दे उठाए गए थे.
- रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले भी एफडीए ने न्यूरालिंक की कई समस्याओं के बारे में इशारा किया था. जिसे इंसानों पर ट्रायल की मंजूरी से पहले ठीक करने की जरूरत थी. इसमें डिवाइस की लिथियम बैटरी, इंप्लांट के तारों का दिमाग के भीतर जाने की आशंका और दिमाग के टिश्यू को नुकसान पहुंचाने बिना डिवाइस को बाहर निकालने की चुनौती शामिल थी.
- एक्टिविस्ट ग्रुप ने भी न्यूरालिंक का विरोध किया और जानवरों के कथित इलाज की आलोचना की थी. जानवरों पर परीक्षण के खिलाफत करने वाली कमेटी ने बंदरों पर परीक्षण के बारे में जानकारी रिलीज करने के लिए कई बार मस्क से कहा है.
- वैज्ञानिकों को भरोसा है कि पैरालिसिस के मरीज की मदद के अलावा बीसीआई एक दिन अंधेपन और मानसिक बीमारी के इलाज में मदद कर सकता है.
पिछले साल एक कार्यक्रम के दौरान एलन मस्क ने दावा किया था कि वह किसी दिन न्यूरालिंक के इंप्लांट्स में से एक को खुद आजमाने की योजना बना रहे हैं. इस दौरान मस्क ने ये भी कहा था कि आप एक न्यूरालिंक डिवाइस को अभी इंप्लांट कर सकते हैं और आपको पता भी नहीं चलेगा.
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