एआई (AI) की दौड़ तेज हो रही है. बड़ी-बड़ी कपनियां नए मॉडल बनाने में अरबों का निवेश कर रहे हैं. अब ऐसे ही OpenAI ने अपना सीक्रेट प्रोजेक्ट स्ट्रॉबेरी लॉन्च किया है. AI को पहले से ही एडवांस बनाने के लिए काम किया जा रहा है. इसमें संकेतों के आधार पर सवालों के जवाब देना और इमेज को एडिट करना शामिल है.
हालांकि, OpenAI के नए प्रोजेक्ट के साथ AI को और एडवांस बनाया जा रहा है. इसमें AI की तर्क करने की क्षमता में सुधार करने और AI को खुद इंटरनेट रिसर्च करने के पहलू पर काम किया जा रहा है.
प्रोजेक्ट स्ट्रॉबेरी क्या है?
लगभग छह महीने पहले, Q* (Q-Star) नाम के एक सीक्रेट OpenAI प्रोजेक्ट ने सुर्खियां बटोरी थीं. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य एआई को नए तरीके से ट्रेनिंग देना था. साथ ही इसे इंसानों के दिमाग जितना ही एडवांस बनाने था. और इसकी तर्क क्षमता को बढ़ाना था.
हाल ही में, एक रिपोर्ट में इस प्रयास के बारे में और अधिक जानकारी दी गई है. इसे अब प्रोजेक्ट स्ट्रॉबेरी के नाम से जाना जा रहा है. OpenAI के कुछ डॉक्यूमेंट के अनुसार, स्ट्रॉबेरी को डीप रिसर्च के लिए डिजाइन किया गया है.
स्ट्रॉबेरी मौजूदा AI मॉडल से कैसे अलग होगा?
वर्तमान में, एआई चैटबॉट्स में उपयोग किए जाने वाले ललैंग्वेज मॉडल (LLMs) बड़े टेक्स्ट को छोटा करने और कंपोज करने में मदद करते हैं. हालांकि, AI जनरल नॉलेज के सवालों या लॉजिक टास्क को नहीं कर पाता है या उसमें ऐसा करने में मुश्किल होती है. ऐसे में प्रोजेक्ट स्ट्रॉबेरी का लक्ष्य एआई की तर्क क्षमता को बढ़ाकर इन सीमाओं को पार करना है.
रीजनिंग में एआई को योजना बनाने, दुनिया और उसके काम को समझने और मल्टी-स्टेप प्रॉब्लम को संभालने में सक्षम बनाना शामिल है. वर्तमान में, ये बाहरी सपोर्ट के बिना प्रभावी ढंग से आगे की योजना नहीं बना सकते हैं. स्ट्रॉबेरी AI को ऐसा करने में मदद करेगा.
बढ़ेगी एआई की क्षमता
स्ट्रॉबेरी मॉडल का लक्ष्य एआई क्षमताओं को बढ़ाना है. इसकी मदद से कई क्षेत्रों में बदलाव लाया जा सकेगा.
1. साइंटिफिक रिसर्च: स्ट्रॉबेरी मॉडल एक्सपेरिमेंट से लेकर डेटा विश्लेषण और नए हाइपोथिसिस का प्रस्ताव रख सकेगा.
2. मेडिकल रिसर्च: मेडिसिन में, ये मॉडल ड्रग डिस्कवरी, जेनेटिक रिसर्च और बड़े डेटासेट के विश्लेषण में मदद कर सकेगा.
3. गणित और इंजीनियरिंग: बेहतर प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी के साथ, AI गणित की समस्याओं का निपटा सकेगा. साथ ही इंजीनियरिंग कैलकुलेशन में मदद कर सकेगा.
इस प्रोजेक्ट की मदद से एआई की तर्क क्षमताओं को बढ़ाया जा सकेगा. साथ ही ये साइंस, मेडिकल, पढ़ाई और उससे परे नई संभावनाओं को खोल सकती है.