चांद कैसे बना या उसकी उत्पत्ति कैसे हुई इसको लेकर कई थ्योरी हैं. ये विषय आज भी एस्ट्रोनॉमर्स के लिए गुत्थी बना हुआ है. जितनी भी रिसर्च हुई हैं उनसे यही समझ आता है कि बहुत पहले मंगल के बराबर का ग्रह पृथ्वी के साथ टकराया था, जिसके बाद इस टक्कर से गैस, मैग्मा और मेटल निकले. ये सभी काफी समय तक इकट्ठे होते रहे और फिर उनसे बना चांद. लेकिन नासा की हाल की रिसर्च में सामने आया है कि इसे बनने में कुछ घंटे ही लगे थे.
सुपरकम्प्यूटर से किया गया एक्सपेरिमेंट
नासा ने चांद के बनने पर एक नया एक्सपेरिमेंट किया है. जिसमें ये संभावना जताई गई है कि चांद को बनने में साल या महीने नहीं लगे हैं बल्कि ये कुछ घंटों में ही बन गया था. यूके में डरहम यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर कम्प्यूटेशनल कॉस्मोलॉजी के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए इस एक्सपेरिमेंट को किया है. इसमें अभी तक के सबसे बेस्ट सुपरकंप्यूटर सिमुलेशन का उपयोग किया गया.
कुछ घंटों में बन गया था चांद
नासा ने इसके लिए अपने सुपरकम्प्यूटर की मदद ली. उन्होंने इस पूरी घटना को दोहराया जिसमें सामने आया कि थिओ के पृथ्वी से टकराने से चांद की उत्पत्ति हुई. इतना ही नहीं इसमें महीनों या सालों नहीं लगे थे बल्कि कुछ घंटों में ही चांद की उत्पत्ति हो गई थी. टक्कर के बाद थियो के टुकड़े सीधे पृथ्वी के ऑर्बिट में जाकर रुके और इस तरह चांद पृथ्वी की कक्षा में रह गया.
रिसर्च टीम में नासा एम्स रिसर्च सेंटर और ग्लासगो विश्वविद्यालय, यूके के वैज्ञानिक शामिल थे. इनकी रिसर्च को एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में पब्लिश किया गया.