scorecardresearch

Parkinson’s disease Day: बड़ी काम की है डांस और म्यूजिक थेरेपी, पार्किंसन बीमारी को मैनेज करने में कर सकती है मदद

Parkinson’s disease Day: इस स्टडी में सामने आया है कि पार्किंसंस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है. इस बीमारी को मैनेज करने में डांस और म्यूजिक थेरेपी मदद कर सकती है. 

Parkinson’s disease Day (Photo: Getty Images) Parkinson’s disease Day (Photo: Getty Images)
हाइलाइट्स
  • बड़ी काम की है डांस और म्यूजिक थेरेपी

  • पार्किंसन बीमारी को मैनेज करने में कर सकती है मदद

दुनिया में अभी तक भी पार्किंसंस बीमारी का इलाज नहीं मिल पाया है. हालांकि, इसे मैनेज किया जा सकता है. हाल ही में हुई एक स्टडी में सामने आया है कि डांस और म्यूजिक थेरेपी से इस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है. मुंबई के पेडर रोड पर जसलोक अस्पताल ने पार्किंसंस बीमारी पर ये स्टडी की है. इस स्टडी में सामने आया है कि पार्किंसंस बीमारी को मैनेज किया जा सकता है. इस बीमारी को मैनेज करने में डांस और म्यूजिक थेरेपी मदद कर सकती है. 

पिछले साल मार्च में शुरू की गई थी स्टडी  

दरअसल, इस स्टडी को पिछले साल मार्च में शुरू किया गया था. पार्किंसंस रोग (पीडी) से दुनिया भर में 1 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं, जिनमें भारत की एक बड़ी आबादी भी शामिल है. ऐसे में इसके लिए प्रभावी ट्रीटमेंट मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी बनानी जरूरी है. 

सम्बंधित ख़बरें

प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन डॉ. परेश दोशी के नेतृत्व में ये स्टडी की गई है. इस स्टडी में मध्यम पार्किंसंस बीमारी वाले 28 रोगियों को शामिल किया गया. इसके लिए प्रतिभागियों को दो ग्रुप में बांटा गया था. एक कंट्रोल ग्रुप वो था जिसको स्टैंडर्ड केयर दी जा रही थी.

वहीं दूसरा ग्रुप वो था जिन्हें व्यक्तिगत आधार पर डांस या म्यूजिक थेरेपी दी जा रही थी. एक घंटे तक चलने वाले इस थेरेपी सेशन में स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज, डांस और म्यूजिक एक्टिविटीज शामिल थीं. 

स्टडी के आशाजनक परिणाम मिले 

इस स्टडी में काफी आशाजनक परिणाम मिले हैं. डांस और म्यूजिक मेडिकल ट्रीटमेंट से गुजरने वाले मरीजों को बेहतर करने का काम करते हैं. मीडियम पार्किंसंस बीमार से पीड़ित 55 साल के प्रतिभागी कृष्णा कदम ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि अप्रैल में उन्होंने इस थेरेपी को शुरू किया था और उसके बाद उनके जीवन की गुणवत्ता कई हद तक बढ़ी है. इस स्टडी की सफलता से पार्किंसंस बीमारी के बोझ को कम किया जा सकेगा.