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Project Longevity: लंबी उम्र का रहस्य जानने के लिए AIIMS ने शुरू की अपनी रिसर्च, आप भी ले सकते हैं हिस्सा

AIIMS Project Longevity: इस अध्ययन से मिली जानकारी हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे क्या होता है और यह हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है.

Project Longevity (Photo: Unsplash) Project Longevity (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • स्टडी में देखी जाएंगी अलग-अलग चीजें 

  • उम्र बढ़ने की भविष्यवाणियों में अंतर को पाटना

लंबी उम्र का रहस्य जानने के लिए AIIMS ने अपनी रिसर्च शुरू की है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के गेरिएट्रिक मेडिसिन (geriatric medicine) डिपार्टमेंट ने लंबी उम्र के पीछे के रहस्यों को जानने के उद्देश्य से ये रिसर्च शुरू की है. इसमें ये रिसर्च की जाएगी कि आखिर एक परिवारों के अंदर उम्र बढ़ने का पैटर्न और बायोमार्कर कैसे होता है. 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ये स्टडी जेनेटिक, शारीरिक और पर्यावरणीय कारकों का विश्लेषण करके उम्र बढ़ने के मैकेनिज्म की गहराई से जांच करने के लिए डिजाइन की गई है. शोधकर्ताओं का लक्ष्य बाद के बढ़ती उम्र और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों की पहचान करना है.

स्टडी में देखी जाएंगी अलग-अलग चीजें 

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नेशनल सेंटर फॉर एजिंग के एडिशनल मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रसून चटर्जी ने बायोलॉजिकल उम्र बढ़ने के लिए जिम्मेदार बायोमार्कर पैनल की स्टडी की बात कही. स्टडी में यह देखा जाएगा कि क्या आपकी उम्र और आपके शरीर की तंदरुस्ती के बीच कोई संबंध है. शोधकर्ता यह भी देखेंगे कि क्या आपके शरीर में कुछ लक्षण हमें बता सकते हैं कि आप बीमार पड़ सकते हैं या नहीं, या आप कितने समय तक जीवित रह सकते हैं. वे बायोमार्कर संकेतों को देखने वाले हैं. इससे यह पता चलेगा कि आखिर कोई भी इंसान किसी भी बीमारी के साथ कितने समय तक जीवित रह सकता है. इन सभी चीजों की भविष्यवाणी इस स्टडी की मदद से की जा सकेगी.

उम्र बढ़ने की भविष्यवाणियों में अंतर को पाटना

डॉ. प्रसून चटर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि हमें यह अनुमान लगाने के लिए बेहतर तरीकों की जरूरत है कि बुजुर्ग कितने समय तक जीवित रह सकते हैं और क्या वे बीमार पड़ सकते हैं या कब उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत है. डॉ. प्रसून चटर्जी का मानना ​​है कि इस अध्ययन में हमें जो बायोमार्कर मिले हैं, वे हमें ऐसा करने में मदद कर सकते हैं. इसलिए, इस अध्ययन से मिली जानकारी हमें यह समझने में मदद कर सकती है कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे क्या होता है और यह हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है.

प्रोजेक्ट का दायरा और फंडिंग

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) इस स्टडी को फंड कर रही है. ये प्रोजेक्ट 36 महीने तक चलने वाला है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें कम से कम 40 लोगों को शामिल किया जाएगा. अगर कोई परिवार इस रिसर्च में भाग लेना चाहते हैं या उम्र को लेकर हो रहे इस शोध के बारे में पता करना चाहते हैं तो वे 9599556056, 9654936598 पर संपर्क कर सकते हैं या उन्हें longevityproject.aiims@gmail.com पर मेल कर सकते हैं.