प्लास्टिक को रीसायकल करना आसान नहीं होता है. लेकिन अब इसका विकल्प निकाल लिया गया है. अब आप प्लास्टिक को ना कह सकते हैं. पंजाब यूनिवर्सिटी ने एक ऐसा विकल्प तैयार किया है, जिसमें मैगी, बिस्कुट, चिप्स और जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों को आसानी से स्टोर किया जा सकता है. साथ ही खाने-पीने की चीजों को सड़ने, गलने और खराब होने से बचाया जा सकता है.
पूरी तरह से है बायोडिग्रेडेबल
नीम के तने से गोंद से प्लास्टिक जैसी दिखने वाली फिल्म को तैयार किया गया है जो की पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है. आने वाले दिनों में खाद्य पैकेजिंग उद्योग में एक विकल्प की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है. तस्वीरों में दिख रही यह पतली सी प्लास्टिक नजर आ रही है. ये प्लास्टिक फिल्म पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल है और इसका ना तो खाद्य पदार्थ पर कोई नुकसान है और न ही पर्यावरण को.
4 साल से हो रहा है शोध
पंजाब यूनिवर्सिटी की डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेंसिक साइंस ने प्लास्टिक का यह विकल्प तैयार किया है. पिछले 4 सालों से इसको लेकर शोध किया जा रहा था और अब इसमें सफलता प्राप्त हुई है. जी हां यह सफेद-सा दिखने वाला जो पाउडर है यह नीम के पेड़ की गोंद है. जिससे इस फिल्म को तैयार किया गया है.
नीम के पेड़ की गोंद से हुई तैयार
इसे लेकर डॉ विशाल शर्मा ने खास बातचीत की. डॉ विशाल ने बताया कि जैसा कि सब जानते हैं कि प्लास्टिक पर्यावरण और खाद्य वस्तुओं में रखने वाले सामान के लिए हानिकारक होती है. ऐसे में तमाम लोग इसका विकल्प तलाश रहे हैं. पंजाब यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेन को इसमें सफलता मिली है. नीम के पेड़ की गोंद से यह प्लास्टिक फिल्म तैयार की गई है.
पानी में एक हफ्ते के अंदर ही घुल जाती है
डॉ शर्मा कहते हैं, “अब आने वाले दिनों में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री इसे प्लास्टिक के विकल्प में इस्तेमाल कर सकती है. इसमें मैगी चिप्स चॉकलेट खाने पीने के तमाम पदार्थ को आसानी से रखी जा सकती है. उसका किसी भी तरह से कोई दुष्परिणाम नहीं है. इसे लैब में अलग-अलग तरह के टेस्ट करके प्रमाणित किया गया है. यह फिल्म को अगर मिट्टी में डाल दी जाए तो एक महीने के अंदर यह पूरी तरह से गल जाती है. इतनी ही नहीं बल्कि पानी में एक हफ्ते के अंदर ही यह घुल जाती हैं. वहीं अगर कोई गलती से इसे खा ले तो इसका सेहत पर कोई नुकसान भी नहीं होगा.”