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30 वर्षीय युवक में मिला दुर्लभ ब्लड ग्रुप AEL, दुनिया में मुश्किल से 40 से 50 लोगों का होता है यह ब्लड ग्रुप

अमन जैन को अब तक यही लगता था कि उनका ब्लड ग्रूप ओ नेगेटिव (Blood Group ‘O’) है, मगर टेस्ट में पता चला कि उनका ब्लड ग्रुप एईएल (Blood Groud AEL ) है और यह बहुत दुर्लभ माना जाता है.

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हाइलाइट्स
  • अहमदाबाद में हुई दुर्लभ ब्लड ग्रुप की पहचान

  • मिला एएल (Blood Group AEL) ब्लड ग्रुप

अहमदाबाद में शेल्बी अस्पताल ने एक खास और दुर्लभ ब्लड ग्रुप की पहचान की है. इस ब्लड ग्रुप का यह भारत को पहला मामला है.  सबने एबी नेगेटिव ब्लड ग्रुप के बारे में सुना है, जिसके सिर्फ एक प्रतिशत डोनर हैं. बॉम्बे ब्लड ग्रुप और भी दुर्लभ है, जो एक मिलियन में से सिर्फ चार में पाया जाता है. 

लेकिन आज और दुर्लभ ब्लड ग्रुप के बारे में हम आपको बता रहे हैं. जिसका नाम है - एएल (Blood Group AEL). हाल ही में, अहमदाबाद के एक अस्पताल में इसकी पहचान हुई है. यह शायद देश का पहला ऐसा केस है. 

अब तक समझ रहे थे O नेगेटिव 

अहमदाबाद के शेल्बी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल्स ने खुलासा किया कि उनके पास एक 30 वर्षीय युवक ब्लड डोनेट करने के लिए आया और उसका ब्लड ग्रुप 'एएल' था. अब तक वह शख्स अपने ब्लड ग्रुप को O नेगेटिव समझ रहा था. मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले 30 वर्षीय अमन जैन ने अपनी इच्छा से अस्पताल में रक्तदान किया था. 

टेस्टिंग के दौरान पता चला यह ब्लड सामान्य नहीं है. इसलिए इस ब्लड को सूरत में लोक समर्पण ब्लड बैंक भेजा, जिसमें पता चला कि यह एएल ब्लड ग्रुप है. 

पैथोलॉजिस्ट के अनुसार, दुनिया में एएल ब्लड ग्रुप वाले मुश्किल से 40 से 50 लोग हैं, जिनमें से ज्यादातर दक्षिण-पूर्व एशिया में हैं. एएल में ए सबग्रुप के बीच ए एंटीजन की सबसे कम मात्रा होती है और केवल विशेष टेस्टिंग के माध्यम से ही इसका पता लगाया जा सकता है.