जापान के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में पता लगाया है कि कैफीन एथलेटिक की परफॉर्मेंस को बेहतर कर सकता है. रिसर्च के मुताबिक 100 मीटर के रेस में कैफीन लेने वाले धावक ने कम समय में दौड़ पूरी कर ली. कैफीन एथलीटों में काफी पॉपुलर है. एथलीट इसकी मदद से अपनी परफॉर्मेंस बढ़ाते हैं.
वर्ल्ड एथलेटिक्स ने कैफीन को अर्गोजेनिक सहायक के तौर पर मान्यता दी है. इसका मतलब है कि एथलीट अब इस सप्लीमेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में परफॉर्म कर सकते हैं.
पहले के ज्यादातर रिसर्च 60 मीटर दौड़ पर हुए-
जापान में रित्सुमेइकन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ताकेशी हाशिमोटो ने कहा कि पहले जो भी रिसर्च हुए हैं. उसमें ये साफ नहीं हो पाया था कि ये ठीक है. प्रोफेसर ने कहा कि पहले के रिसर्च कैफीन को लेकर वर्ल्ड एथलेटिक्स के विचार को सपोर्ट करने के लिए काफी नहीं थे. उन्होंने कहा कि उनमें से ज्यादातर रिसर्च 60 मीटर की दौड़ के दौरान कैफीन के असर को दिखाते हैं. इसलिए 100 मीटर की दौड़ पर कैफीन के असर को जांचना जरूरी था. जो इस स्टडी में सामने आया है.
13 धावकों पर हुआ रिसर्च-
इस रिसर्च के लिए 13 पुरुष धावकों को चुना गया था. इस रिसर्च को जर्नल मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज में छापा गया है. शुरुआती टेस्ट में रिसर्चर ने ये जांचा कि हर एथलीट को कैफीन लेने के बाद इसके असर के उच्चतम पर पहुंचने में कितना समय लगता है.
एथलीटों पर असर को देखने के लिए रिसर्चर्स ने धावकों को 100 मीटर दौड़ के लिए दो बार और बुलाया गया. इसके बाद रिसर्चर्स ने दौड़ का समय मापा.
0.14 सेकंड का रहा अंतर-
स्टडी के नतीजे चौकान्ने वाले रहे. स्टडी में पाया गया कि कैफीन लेने वाले धावकों ने 100 मीटर की दौड़ 0.14 सेकंड पहले पूरी की. शोधकर्ताओं के मुताबिक धावकों में ये तेजी पहले 60 मीटर की दौड़ के दौरान ही रिकॉर्ड की गई. लेकिन आखिरी 40 मीटर की दौड़ में इसका कोई असर नहीं दिखा. इस रिसर्च में ये निकलकर सामने आया कि दौड़ की शुरुआत में कैफीन का असर दिखाई दिया. रिसर्चर्स का कहना है कि एथलीट कैफीन का इस्तेमाल करके अपनी परफॉर्मेंस बढ़ा सकते हैं.
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