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पृथ्वी के गर्भ में मिला दुनिया का छठा महासागर, सभी समुद्रों से तीन गुना बड़ा

शोधकर्ताओं की एक टीम ने पृथ्वी के सतह से 660 किमी अंदर छठा महासागर की खोज की है. इस खोज के साथ ही वैज्ञानिकों को पृथ्वी की आंतरिक संरचना को जानने में अब और मदद मिलेगी. शोधकर्ताओं ने पृथ्वी के गर्भ में खोजे गए महासागर के सतह से पानी से बना हुआ हिरा पाया है.

6th sea on earth 6th sea on earth
हाइलाइट्स
  • दुनिया का छठा महासागर पृथ्वी के ऊपरी और निचले मेटल के बीच मिला

  • शोधकर्ताओं को मिला पानी से बना हीरा

शोधकर्ताओं की एक टीम ने पृथ्वी के कोर के पार एक बहुत बड़े महासागर की खोज की है. शोधकर्ताओं के अनुसार ये महासागर दुनिया के सभी महासागरों से तीन गुना बड़ा बताया है. इस महासागर को पृथ्वी के ऊपरी और निचले मेटल के बीच की सीमा में खोजा गया है. ANI की रिपोर्ट के अनुसार शोधकर्ताओं ने शोधकर्ताओं की टीम ने पृथ्वी की सतह से करीब 660 मीटर नीचे पाया है. जर्मनी के फ्रैंकफर्ट के गोएथ विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि इस शोध से कई और चीजें जानने को मिलेगी. इसके साथ ही पानी के यह भी पता लगाने में मदद मिलेगी कि महासागरों से पानी किस तरह से स्लैब तक पहुंचते है. इसके साथ ही यह भी पता लगाने मदद मिलेगी कि पृथ्वी के अंदर किस तरह से जल का प्रवाह होता रहता है. 

इसके साथ ही शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि पृथ्वी के सतह से 660 मीटर नीचे मिला यह समुद्र बड़े जल स्तर का संकेत देते हैं. शोधकर्ताओं ने मिले महासागर के सतह के पास के पत्थरों की जांच भी की. जांच में ये पत्थर दुनिया में खोजे गए बेसाल्ट के बराबर निकला. शोधकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि पृथ्वी के अंदर एक और महासागर है. 

यहां मिला छठा महासागर
शोधकर्ताओं के अनुसार दुनिया को मिला छठा महासागर पृथ्वी के ऊपरी और निचले मेटल के बीच में मिला है. ये महासागर दोनों को अलग करता है. यह महासागर पृथ्वी की सतह से 660 किमी नीचे मिला है. शोधकर्ताओं के अनुसार 410 किमी की गहराई पर ट्रांजेक्शन जोन में काफी बदलाव देखने को मिली है, इसके साथ ही वहां पर ऊपरी सीमा बेहद सघन वॉड्स लाइट में बदल चुकी है. इसी तरह 520 किमी की गहराई पर वह रिंगवूडाइट में बदल जाती है. 

महासागर के साथ मिला हीरा भी
शोधकर्ताओं ने अपने शोध में बोत्सवाना में मिले एक हीरे के बारे में भी बताया है. जो पृथ्वी के सतह से नीचे मिले समुद्र के पानी से बना है. इसका पता शोधकर्ताओं को कई जांच करने के बाद पता चला. शोधकर्ताओं के अनुसार पृथ्वी के गर्भ में मिले महासागर से पृथ्वी की आंतरिक गतिशीलता के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. हालांकि इस खोज से पृथ्वी की आंतरिक संरचना को जानने में अब वैज्ञानिकों को और मदद मिल सकती है.