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S73-7 Infra-Red Calibration Balloon: अंतरिक्ष में लुका-छिपी का खेल! 25 साल तक लापता रही सैटेलाइट, अब जाकर मिली 

25 साल तक लापता रहने के बाद, सुपर शार्प 18वें स्पेस डिफेंस स्क्वाड्रन ने आखिरकार इसे फिर से देख लिया है. यह ब्रह्मांडीय भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा है. इसका रडार से बाहर रहना और इसका फिर से मिलना स्पेस डेब्रिस या अंतरिक्ष में मौजूद मलबे या कचरे के बारे में बताता है. हमारे स्पेस में ये कचरा तेजी से बढ़ रहा है.

Space (Photo: Unsplash) Space (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • 25 साल पहले हो गई थी गायब  

  • वैज्ञानिकों का भटक गया था ध्यान 

अंतरिक्ष से जुड़े हजारों रहस्य ऐसे हैं जिनके बारे में कोई नहीं जानता है. अब इसी कड़ी में स्पेस में लुका-छिपी का एक खेल देखने को मिला है. एक सैटेलाइट 25 साल के बाद स्पेस में मिली है. S73-7 इन्फ्रा-रेड कैलिब्रेशन बैलून (IRCB) नाम की एक छोटी सैटेलाइट को 1974 में शीत युद्ध के दौरान एक बड़ी स्पाई सैटलाइट के साथ लॉन्च किया गया था. लेकिन जब इसे चलाने की कोशिश की, तो IRCB ने अपना काम ठीक से नहीं किया.

वैज्ञानिकों का भटक गया था ध्यान 

हालांकि, इस दुर्घटना के बाद वैज्ञानिकों का ध्यान इस S73-7 इन्फ्रा-रेड कैलिब्रेशन बैलून सैटेलाइट से भटक गया था. यहां तक ​​कि 1990 के दशक में जब उन्होंने इसे दोबारा खोजने की कोशिश की तो यह एक बार फिर गायब हो गई. लेकिन 25 साल तक लापता रहने के बाद, सुपर शार्प 18वें स्पेस डिफेंस स्क्वाड्रन ने आखिरकार इसे फिर से देख लिया है. यह ब्रह्मांडीय भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा है.

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25 साल पहले हो गई थी गायब  

25 साल पहले ये सैटेलाइट ऑर्बिट में गायब हो गई थी. जब इसे लॉन्च किया गया था तब इसकी तैनाती में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. आईआरसीबी को जिस आकर में खुलना चाहिए था वह ऐसा नहीं कर पाई, और मिशन के लिए प्रभावी रूप से बेकार हो गई. इसकी असफल लॉन्च के बाद, वैज्ञानिकों ने तुरंत खराब इस सैटेलाइट का पता खो दिया था. 1990 के दशक में सैटेलाइट को ट्रांसफर करने के प्रयासों के बावजूद, यह एक बार फिर यह स्पेस में गायब हो गई. अब, एक चौथाई सदी की गुमनामी के बाद, यह फिर से दिखी है. 

अंतरिक्ष मलबे पर नजर रखने की चुनौती

अब आईआरसीबी सैटेलाइट के दोबारा मिल जाने से यह सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर एक सैटेलाइट इतने लंबे समय तक रडार की पकड़ से कैसे बच सकती है. हार्वर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक जोनाथन मैकडॉवेल ने एक्स के मुताबिक, इसके छोटे साइज की वजह से इसका पता नहीं लगाया जा सकता है. ट्रैक की गई वस्तु सैटेलाइट का एक पार्ट हो सकती है, जैसे डिस्पेंसर या गुब्बारे का एक टुकड़ा आदि, जिससे यह रडार पर कम दिखाई दे रहा है.

हालांकि, आईआरसीबी का रडार से बाहर रहना और इसका फिर से मिलना स्पेस डेब्रिस या अंतरिक्ष में मौजूद मलबे या कचरे के बारे में बताता है. हमारे स्पेस में ये कचरा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में नई सैटेलाइट को लॉन्च करना और नेविगेट करने में अगर जाकर परेशानी हो सकती है.