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वैज्ञानिकों ने तैयार किया स्टील से ज्यादा मजबूत और हल्का पदार्थ, कार कोटिंग, फोन या बिल्डिंग बनाने में हो सकता है इस्तेमाल

वैज्ञानिकों ने जो नया मैटेरियल तैयार किया है वह पॉलीमर है और दूसरे पॉलीमर के विपरीत शीट में जमा हो जाती है. अब तक वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि पॉलीमर को 2D फॉर्म में तैयार करना संभव नहीं था. एमआईटी में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पी. डब्स का कहना है कि इस पदार्थ का इस्तेमाल कार की कोटिंग, सेल फोन बनाने, बिल्डिंग या ब्रिज बनाने के लिए किया जा सकता है.

नया पदार्थ तैयार होने से स्टील पर निर्भरता कम हो सकेगी नया पदार्थ तैयार होने से स्टील पर निर्भरता कम हो सकेगी
हाइलाइट्स
  • आसान नहीं था पॉलीमर को 2D फॉर्म में तैयार करना

  • प्लास्टिक जितना ही हल्का है पदार्थ

वैज्ञानिकों ने स्टील से ज्यादा मजबूत और नई हल्की सामग्री तैयार की है. यह पॉलीमर है और शीट में खुद ही एकत्रित हो जाती है. इसका उपयोग कार की कोटिंग, सेलफोन, बिल्डिंग या ब्रिज के निर्माण के लिए किया जा सकता है. एक नई पोलीमराइजेशन(polymerization ) प्रक्रिया का उपयोग करते हुए एमआईटी के केमिकल इंजीनियर्स ने नई सामग्री तैयार की है जो स्टील से अधिक मजबूत और प्लास्टिक की तरह हल्की है. इसे बड़ी मात्रा में आसानी से निर्मित किया जा सकता है.

आसान नहीं था पॉलीमर को 2D फॉर्म में तैयार करना
वैज्ञानिकों ने जो नया मैटेरियल तैयार किया है वह पॉलीमर है और दूसरे पॉलीमर के विपरीत शीट में जमा हो जाती है. अब तक वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि पॉलीमर को 2D फॉर्म में तैयार करना संभव नहीं था. एमआईटी में केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पी. डब्स का कहना है कि इस पदार्थ का इस्तेमाल कार की कोटिंग, सेल फोन बनाने, बिल्डिंग या ब्रिज बनाने के लिए किया जा सकता है.

प्लास्टिक जितना ही हल्का है पदार्थ
प्रोफेसर ने बताया कि जो नई सामग्री विकसित की गई है वह प्लास्टिक जितनी ही हल्की है. आमतौर पर प्लास्टिक का इस्तेमाल बिल्डिंग या ब्रिज बनाने के लिए नहीं किया जाता है लेकिन इसका इस्तेमाल बिल्डिंग या ब्रिज बनाने के लिए किया जा सकता है. इसमें कई गुण हैं और इस सामग्री का इस्तेमाल कई चीजों के लिए किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने पूरी प्रक्रिया के लिए दो पेटेंट दायर किया है जो उन्होंने सामग्री बनाने के लिए की थी.

कई दशकों तक हुआ रिसर्च
पॉलीमर को लेकर वैज्ञानिकों ने काफी पहले ही यह अनुमान लगाया था कि अगर पॉलीमर को 2D फॉर्म में विकसित किया जाएगा तो यह काफी मजबूत और हल्का पदार्थ बनना चाहिए. इसको लेकर वैज्ञानिकों ने कई दशकों तक रिसर्च किया और इसके बाद यह निष्कर्ष निकला कि इस तरह के शीट बनाना असंभव है. लेकिन, इसे एमआईटी के वैज्ञानिकों ने संभव कर दिखाया है.