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मलेरिया से होने वाली मौतें होंगी कम! वैज्ञानिक बना रहे हैं इंफेक्शन कम करने के लिए mRNA वैक्सीन

मलेरिया से होने वाली मौतों को कम करने के लिए वैज्ञानिकों ने 2 mRNA वैक्सीन बनाई हैं. इनकी मदद से मलेरिया से जा रही जान को बचाया जा सकेगा. हालांकि, अभी इस वैक्सीन पर शोध पूरा नहीं हुआ है लेकिन शुरुआती नतीजे अच्छे आए हैं.

मलेरिया से होने वाली मौतों को किया जाएगा कम मलेरिया से होने वाली मौतों को किया जाएगा कम
हाइलाइट्स
  • मलेरिया को खत्म करने में मिलेगी मदद

  • हर साल होती हैं कई मौतें

मलेरिया (Malaria) की वजह से हर साल कई मौतें होती हैं. दुनिया भर में मलेरिया के 90 प्रतिशत से अधिक मामले और 95 प्रतिशत मौतों के लिए एनोफिलीज मच्छर जिम्मेदार है. लेकिन अब इससे बचने के लिए वैक्सीन बनाई जा रहा है. मलेरिया इंफेक्शन और इसके ट्रांसमिशन को रोकने के लिए वैज्ञानिकों ने दो एमआरएनए वैक्सीन बनाई हैं. जानवरों पर किए गए अध्ययन में मलेरिया इंफेक्शन और ट्रांसमिशन दोनों को कम करने में ये प्रभावी पाई गई हैं. 

हर साल होती हैं कई मौतें

दरअसल, मलेरिया के ज्यादातर मामले और मौतें सहारा अफ्रीका में पाए जाते हैं. लेकिन दुनिया की आधी आबादी को इस घातक बीमारी के फैलने से खतरा है. जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी, यूएस की टीम ने यह भी पाया कि इन दो वैक्सीन से एक शक्तिशाली इम्यून रिस्पांस देखने को मिला है. भले ही इन्हें अलग-अलग दिया गया हो या एक साथ. 

जर्नल एनपीजे वैक्सीन में गुरुवार को प्रकाशित किए गए अध्ययन में बताया गया कि पैरासाइट प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम उन चार पैरासाइट प्रजातियों में से एक है जो मलेरिया और मनुष्यों के लिए सबसे घातक हैं. 

मलेरिया को खत्म करने में मिलेगी मदद

हालांकि, इसको दुनिया से खत्म करने के लिए काफी प्रयास किया जा रहा है. जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी मिलकेन इंस्टीट्यूट स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर निर्भय कुमार ने कहा, "दुनिया से मलेरिया को रातों रात खत्म नहीं किया जा सकता है, लेकिन इस तरह के टीके संभावित रूप से दुनिया के कई हिस्सों से मलेरिया को खत्म कर सकते हैं."

कुमार ने एक बयान में कहा, "एमआरएनए वैक्सीन तकनीक वास्तव में एक गेम चेंजर हो सकती है। हमने देखा कि यह तकनीक कोविड से लड़ने के मामले में कितनी सफल रही और इस अध्ययन के लिए हमने इसे अनुकूलित किया और इसका उपयोग मलेरिया से निपटने के लिए उपकरण विकसित करने के लिए किया।"

क्या आया शोध में सामने? 

बताते चलें इस शोध में सामने आया कि ये दोनो वैक्सीन संक्रमण को रोकने में अत्यधिक प्रभावी हैं और साथ ही टीके ने इसके ट्रांसमिशन को भी एक हद तक कम किया. उन्होंने पाया कि डीएनए आधारित टीकों की तुलना में एमआरएनए टीके ज्यादा बेहतर तरीके से इम्यून रिस्पांस दे रहे हैं. इस वैक्सीन कॉकटेल से मलेरिया को कम करने या खत्म करने में मदद मिल सकती है.