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Sediments on Mars: मंगल ग्रह पर मिले पानी होने के संकेत! नासा के पर्सिवियरेंस रोवर को मिली झील की गाद 

पर्सीवरेंस रोवर ने 2022 में कई महीनों तक अपने रिमफैक्स रडार डिवाइस का उपयोग करके जमीन को स्कैन किया था. इन स्कैन ने 65 फीट (20 मीटर) गहराई तक पहुंचने वाली चट्टान की परतों की जांच-पड़ताल की. इस जांच में पृथ्वी की झीलों में जैसी गाद पाई गई है.

Mars Mars
हाइलाइट्स
  • मंगल ग्रह पर मिले पानी होने के संकेत!

  • रोवर को मिली झील की गाद 

नासा के पर्सिवियरेंस रोवर (NASA's Perseverance rover) ने एक बड़ी खोज की है. इसमें मंगल ग्रह से जुड़े रहस्य से पर्दा उठा है. इसके मुताबिक, मंगल ग्रह पर प्राचीन झील के तलछट या गाद के होने का साक्ष्य मिला है. इससे कहीं न कहीं संकेत मिलता है कि मंगल ग्रह पर एक समय में पानी हुआ करता था. शुक्रवार को प्रकाशित एक स्टडी में इस रहस्य के बारे में पता चला है. रोवर ने जमीन के अंदर रडार से जांच की है जिसके बाद ये डेटा सामने आया है. 

ओस्लो यूनिवर्सिटी की टीमों ने की स्टडी

लॉस एंजिल्स में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी (UCLA) और ओस्लो यूनिवर्सिटी की टीमों के नेतृत्व में ये स्टडी की गई है. इससे संकेत मिलते हैं कि मंगल ग्रह पर एक समय था जब वहां पानी हुआ करता था. 

कार के आकार के रोवर, पर्सीवरेंस ने 2022 में कई महीनों में अपने रिमफैक्स रडार डिवाइस का उपयोग करके जमीन को स्कैन किया था. इन स्कैन ने 65 फीट (20 मीटर) गहराई तक पहुंचने वाली चट्टान की परतों की जांच-पड़ताल की. इस जांच में पृथ्वी की झीलों में जैसी गाद पाई जाती है ठीक वैसी ही जमा पाई गई है. 

मंगल ग्रह की मिट्टी 

यूसीएलए के ग्रह वैज्ञानिक और स्टडी के मुख्य लेखक डेविड पेगे ने मंगल ग्रह की मिट्टी कैसे बनी और उसके इतिहास के बारे में बताया है.  इन निष्कर्षों से ये संकेत मिलता है कि जेरेजो क्रेटर और उसके डेल्टा का निर्माण एक नदी में मौजूद गाद से हुआ था. 

हालांकि, अब वैज्ञानिक जेरेजो की गाद के सैंपल के विश्लेषण का इंतजार कर रहे हैं. ये लगभग 3 अरब साल पुरानी हो सकती है. एक बार जब Perseverance इन नमूनों को पृथ्वी पर वापस भेज देगा, तो शोधकर्ता आसानी से मंगल के भूवैज्ञानिक और जैविक इतिहास के बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकेंगे. 

गौरतलब है कि पिछले काफी समय से दुनियाभर के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर पानी की खोज कर रहे हैं. ऐसे में डेल्टा पर झील की गाद या तलछट की खोज इस मिशन में एक बड़ी बात है.