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International Space Station की कमांडर बनेंगी Sunita Williams, बताया कैसे बिताती हैं अंतरिक्ष में पूरा दिन 

International Space Station: बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को टेस्ट पायलट्स के रूप से देखा जाता है. हालांकि, अब वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही हैं. वे दैनिक रखरखाव और साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट में योगदान दे रहे हैं.

Sunita Williams and Butch Wilmore speaking from the International Space Station. Sunita Williams and Butch Wilmore speaking from the International Space Station.
हाइलाइट्स
  • परेशानियों का करना पड़ा है सामना 

  • बड़ी खुशहाल है ये जगह 

स्पेस में फंसे होना कैसा लगता है? इसे लेकर अब अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विल्मोर (Butch Wilmore) ने अपना अनुभव साझा किया है. दरअसल, कुछ समय पहले ही बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में खराबी आ गई थी, इसकी वजह से उन्हें निर्धारित समय से ज्यादा स्पेस में रहना पड़ गया. उनकी ये अंतरिक्ष यात्रा, जून में शुरू हुई थी, लेकिन अचानक से कई चुनौतियां उनके सामने आ गईं. ये मिशन केवल आठ दिनों का था, लेकिन परेशानियों की वजह से इसे आठ महीने से भी आगे बढ़ा दिया गया. 

शुक्रवार को, अंतरिक्ष यात्रियों ने बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल के बाद पहली बार मीडिया से बात की. सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पृथ्वी से 260 मील ऊपर हैं. 

परेशानियों का करना पड़ा है सामना 
बुच विल्मोर ने स्वीकार किया कि उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा है. बुच ने कहा, "स्पेसक्राफ्ट पायलट के रूप में, आप किसी मिशन को अपने बिना पूरा होते नहीं देखना चाहते, लेकिन वास्तव में यही हुआ है. हमने पृथ्वी से लगभग 1 साल तक दूर रहने की कभी कल्पना नहीं की थी.” 

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वहीं सुनीता विलियम्स ने बताया, "स्टारलाइनर के पहले टेस्ट पायलट होने के नाते, हमें पता था कि कोई भी समस्या आ सकती है और इस मिशन में देरी हो सकती है. यह स्पेस क्षेत्र में प्रक्रिया का हिस्सा है."

कमांडर बनेंगे सुनीता 
बुच विल्मोर और सुनीता विलियम्स को टेस्ट पायलट्स के रूप से देखा जाता है. हालांकि, अब वे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में ही हैं. वे दैनिक रखरखाव और साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट में योगदान दे रहे हैं. सुनीता विलियम्स आने वाले हफ्तों में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के कमांडर के रूप में कार्यभार संभालने वाली हैं. 

बता दें, इस सप्ताह की शुरुआत में, एक सोयुज स्पेसक्राफ्ट भी आईएसएस में पहुंच चुका है. इसमें दो रूसी अंतरिक्ष यात्री और एक अमेरिकी सवार थे. स्पेस स्टेशन में अब लगभग रिकॉर्ड संख्या में लोग मौजूद हैं. 

बड़ी खुशहाल है ये जगह 
चुनौतियों के बावजूद, सुनीता विलियम्स ने उत्साह जाहिर किया है. वे कहती हैं, “यह मेरा खुशहाल जगह है. मुझे यहां स्पेस में रहना बहुत पसंद है.”

दोनों एस्ट्रोनॉट को धरती से भी लोगों का सपोर्ट मिल रहा है. सभी उनका मनोबल बढ़ाने में लगे हैं. सुनीता विलियम्स ने परिवार के साथ कीमती क्षणों को मिस करने के बारे में भी बताया. उन्होंने अपनी मां को मिस करने की बात कही. वहीं बुच विलमोर ने अपनी सबसे छोटी बेटी की हाईस्कूल के लास्ट ईयर को मिस करने पर खेद जताया. 

गौरतलब है कि स्टारलाइनर मिशन बोइंग की पहली क्रू स्पेस फ्लाइट थी. लेकिन शुरुआत से ही इसे तकनीकी कठिनाइयों का सामना कर रहा था. कैप्सूल ने 6 जून को आईएसएस के साथ सफलतापूर्वक डॉकिंग की. लेकिन इससे पहले कैप्सूल से हीलियम लीक होने लगी थी. जिसके बाद दोनों ने अपने मिशन के टाइम को बढ़ाने का फैसला किया.