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Sunita Williams: तीसरी बार अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स...बोलीं- 'गणेश की मूर्ति साथ ले जाउंगी'

भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स एक बार फिर से बतौर पायलट तीसरी बार अंतरिक्ष की यात्रा करने के लिए तैयार हैं. वह बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से 7 मई को भारतीय समयानुसार सुबह 8 बजे उड़ान भरेंगी.

Sunita Williams (Photo: X/NASA) Sunita Williams (Photo: X/NASA)

अंतरिक्ष में समोसा खाना पसंद करने वाली भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कैप्टन सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) एक बार फिर अंतरिक्ष में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं. इस बार वो स्पेस में बिल्कुल नए अंतरिक्ष यान बोइंग स्टारलाइनर (Boeing Starliner) पर जाएंगी. यह उड़ान यूनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट से 7 मई को सुबह 8.04 बजे फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस कॉम्प्लेक्स -41 से लॉन्च की जाएगी.

सुनीता ने कहा कि वो थोड़ी नर्वस जरूर हैं नए अंतरिक्ष यान में उड़ान भरने को लेकर कोई घबराहट नहीं है. लॉन्च पैड पर प्रशिक्षण के दौरान विलियम्स ने कहा, "जब मैं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचूंगी, तो यह घर वापस जाने जैसा होगा."

डॉ. दीपक पंड्या और बोनी पंड्या के घर जन्मी सुनीता, नए मानव-रेटेड अंतरिक्ष यान के पहले मिशन पर उड़ान भरने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रचेंगी. एक योग्य नौसेना परीक्षण पायलट के तौर पर वह 2006 और 2012 में दो बार अंतरिक्ष में उड़ान भर चुकी हैं और नासा के आंकड़ों के अनुसार सुनीता ने अंतरिक्ष में कुल मिलाकर 322 दिन बिताए हैं.

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सुनीता ने समुद्र के प्रति अपने प्यार के लिए सीएसटी-100 स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान का नाम "कैलिप्सो" रखा है. नासा ने एक्‍स डॉट कॉम पर एक पोस्‍ट में कहा, "यह प्रसिद्ध खोजकर्ता जैक्स कॉस्ट्यू के जहाज के संदर्भ में भी है, जिन्होंने इसी नाम के अपने जहाज पर दुनिया भर में यात्रा की थी."

बनाया था रिकॉर्ड
एक समय में,वह एक महिला अंतरिक्ष यात्री के तौर पर अधिकतम स्पेसवॉक समय का रिकॉर्ड रखती थी, क्योंकि उन्होंने सात स्पेसवॉक में 50 घंटे और 40 मिनट बिताए थे.

नासा का कहना है कि अंतरिक्ष में कुल 50 घंटे और 40 मिनट की सात स्पेसवॉक के दौरान, सुनीता ने एक महिला अंतरिक्ष यात्री द्वारा कुल संचयी स्पेसवॉक समय का रिकॉर्ड बनाया था. लेकिन उनके बाद पेगी व्हिटसन ने 10 स्पेसवॉक के साथ उन्हें पीछे छोड़ दिया है.

अभी क्या कर रही हैं सुनीता
सुनीता विलियम्स के पिता एक न्यूरोएनाटोमिस्ट थे, जिनका जन्म गुजरात के मेहसाणा जिले के झूलासन में हुआ था.लेकिन बाद में वे अमेरिका चले गए और एक स्लोवेनियाई बोनी पंड्या से शादी कर ली. नासा का कहना है कि वह वर्तमान में बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर क्रू फ़्लाइट टेस्ट मिशन की पायलट बनने की तैयारी कर रही है जो उस वाहन के लिए पहली क्रू उड़ान है.

अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सुनीता विलियम्स का यह तीसरा मिशन है. उन्हें 1998 में एक अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए चुना गया था, और 2015 में स्पेस शटल के सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्हें अंतरिक्ष यात्रियों के चुनिंदा समूह का हिस्सा बनने के लिए चुना गया था जो नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम पर उड़ान भरेंगे.

एक धावक भी हैं सुनीता
अपनी उड़ान से पहले,विलियम्स ने एनडीटीवी को बताया था कि वह कॉमर्शियल क्रू फ्लाइट की उड़ान में अपने साथ भगवान गणेश की एक मूर्ति ले जाएंगी क्योंकि "गणेश उनके लिए सौभाग्य का प्रतीक हैं" और वह धार्मिक से अधिक आध्यात्मिक हैं और वो भगवान गणेश को अपने साथ अंतरिक्ष में पाकर खुशी महसूस करेंगी.

अपनी पिछली उड़ानों में, वह भगवद गीता की प्रतियां अंतरिक्ष में ले गई थीं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें समोसा बहुत पसंद है. इसके अलावा वो एक बहुत अच्छी मैराथन रनर भी हैं और आईएसएस में रहते हुए उन्होंने मैराथन दौड़ भी लगाई थी.

दो बार जा चुकी हैं स्पेस में
सुनीता पहली बार 9 दिसंबर 2006 को अंतरिक्ष में गई थीं. उन्हें इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में भेजे गए 14वें शटल डिस्कवरी के साथ रवाना किया गया था. इसके बाद 2012 में उनकी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा शुरू हुई थी. तब उन्होंने कजाकिस्तान के बैकोनूर से रूसी रॉकेट सोयूज टीएमए-05एम से उड़ान भरी थी.

नासा से जुड़ने से पहले सुनीता विलियम्स अमेरिका की नौसेना में काम करती थी. उस समय उन्होंने 30 से ज्यादा विभिन्न विमानों में 3000 से ज्यादा उड़ान घंटे दर्ज किए थे. सुनीता विलियम्स फिलहाल अभी अपने तीसरे अंतरिक्ष मिशन की तैयारी कर रही हैं.

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