सामान पकड़ने के लिए छोटी पॉलीथीन से लेकर एक बोत्तल के ढक्कन तक प्लास्टिक हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. लेकिन अब पर्यावरण पर इसके हानिकारक प्रभाव को देखते हुए लगातार इसके इस्तेमाल को कम करने की बात की जा रही है. इसे जल्द-से-जल्द नष्ट किया जा सके इसके लिए अलग-अलग उपाय निकाले जा रहे हैं. अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसी फंगी (Fungi) खोजी है जो टफ प्लास्टिक को भी आसानी से डिस्पोज कर सकती है. फंगी (Fungi) ये काम केवल 140 दिन में कर सकती है.
कठोर प्लास्टिक को किया जा सकता है नष्ट
दुनिया में प्लास्टिक वेस्ट का एक तिहाई हिस्सा पॉलीप्रोपाइलीन (Polypropylene) है. एक कठोर प्लास्टिक जिसका इस्तेमाल बोतल के ढक्कन और फूड कंटेनर बनाने के लिए किया जाता है. इस तरह की प्लास्टिक को नष्ट होने में करीब 1 हजार साल लग जाते हैं. लेकिन अब, वैज्ञानिकों ने केवल 140 दिनों में पॉलीप्रोपाइलीन के लैब सैंपल को तोड़ने के लिए मिट्टी में पाए जाने वाली दो फंगी का उपयोग किया है.
दो फंगी, जिसमें Aspergillus terreus और Engyodontium album शामिल हैं, ने कुल 90 दिनों में इस कठोर प्लास्टिक के 25 से 27 प्रतिशत सैंपल को खत्म कर दिया था यानि खा लिया था. और 140 दिनों के बाद प्लास्टिक पूरी तरह से टूट चुकी थी.
स्टडी के पीछे है ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की टीम
इस स्टडी के पीछे ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों की टीम है. यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के केमिकल इंजीनियर अली अब्बास ने ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन के टेक्नोलॉजी रिपोर्टर डैनी ट्रान को बताया, "यह अभी तक रिकॉर्ड किया गया सबसे बड़ा रिजल्ट है.” हालांकि यह फंगी के लिए एक स्पीड रिकॉर्ड हो सकता है. हाल ही में एक खाद के ढेर में खोजे गए प्लास्टिक-कुतरने वाले बैक्टीरिया केवल 16 घंटों में 90 प्रतिशत पीईटी, या पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट को खत्म करने में सक्षम हैं.
प्लास्टिक को तोडना हो जाता है मुश्किल
एक बेसिक केमिकल लेवल पर, प्लास्टिक कार्बन एटम स्ट्रिंग होती है, जो हर प्रकार के प्लास्टिक को उसके अलग-अलग गुण देती है. ऐसे में थ्योरी में प्लास्टिक को रीसायकल करना उतना ही आसान होना चाहिए जितना उसे कोई नया रूप देना होता है. लेकिन दुनिया में इतने अलग-अलग प्रकार के प्लास्टिक हैं कि जब उन्हें वेस्ट के रूप में कई सारी चीजों के साथ मिलाया है, तो इन्हें अलग करना या तोड़ना काफी मुश्किल हो जाता है. अधिकांश प्लास्टिक कचरे को या तो जला दिया जाता है या लैंडफिल में डाल दिया जाता है.
लैब में हुई रिसर्च से पता चला है कि एक साथ, ये दोनों फंगी पॉलीप्रोपाइलीन को पतली परत में तोडना शुरू करती हैं. जबकि शोधकर्ता अभी तक नहीं जानते हैं कि फंगी इस प्लास्टिक को कैसे पचाता है. इस रिसर्च से पता चलता है कि इससे प्लास्टिक कचरे को कम करने का प्रयास किया जा सकता है.